नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने फरवरी में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित एक मामले में एक निजी स्कूल के मालिक को जमानत देने संबंधी निचली अदालत के फैसले को सोमवार को रद्द कर दिया।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि निचली अदालत ने रिकॉर्ड पर संबंधित सामग्री की अनदेखी करते हुए आरोपी फैसल फारूक को जमानत दे दी।
दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत के फारूक को जमानत देने संबंधी 20 जून के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। आरोपी को जेल से रिहा नहीं किया गया है क्योंकि जमानत आदेश पर रोक थी।
शिव विहार क्षेत्र में राजधानी स्कूल के मालिक फारूक समेत 18 लोगों को निकटवर्ती डीआरपी कॉन्वेंट स्कूल की संपत्ति को जलाने और नुकसान पहुंचाने में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में तीन जून को फारूक और 17 अन्य के खिलाफ अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया था।