तय शर्तों, प्रक्रियाओं की पूर्ति के बाद ही मिलेगा निर्यात शुल्क वापसी योजना का लाभ


सरकार ने मार्च में निर्यातकों के लिये करों और शुल्कों की वापसी के लिये योजना को मंजूरी दी थी। देश से निर्यात कारोबार को बढ़ावा देने के लिये यह कदम उठाया गया था। योजना के तहत निर्यातकों को उनके उत्पाद पर लगने वाले केन्द्रीय, राज्य और स्थानीय शुल्कों की वापसी की जायेगी।


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अर्थव्यवस्था Updated On :

नई दिल्ली। निर्यातकों के लिये कर वापसी योजना आरओडीटीईपी के तहत लाभ तभी उपलब्ध होंगे, जब तय शर्तों, पाबंदियों और जरूरी प्रक्रियात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति होगी। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह कहा गया।

सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने निर्यात उत्पाद पर शुल्क व कर से छूट (आरओडीटीईपी) योजना के लाभ को विस्तार देने का फैसला किया है, जो शुक्रवार से प्रभावी है। वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा कि आरओडीटीईपी का लाभ एक जनवरी से उपलब्ध होगा, भले ही दरें और अन्य विवरण अगले कुछ दिनों के भीतर निर्धारित किये जायें।

मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘आरओडीटीईपी का लाभ शर्तों के पालन, पाबंदियों, अपात्रता, प्रक्रियात्मक आवश्यक्ताओं की पूर्ति के बाद ही मिलेगा।’’

सरकार ने मार्च में निर्यातकों के लिये करों और शुल्कों की वापसी के लिये योजना को मंजूरी दी थी। देश से निर्यात कारोबार को बढ़ावा देने के लिये यह कदम उठाया गया था। योजना के तहत निर्यातकों को उनके उत्पाद पर लगने वाले केन्द्रीय, राज्य और स्थानीय शुल्कों की वापसी की जायेगी। अब तक इनकी वापसी नहीं होती थी जिससे भारतीय निर्यात प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाता रहा है।

निर्यातकों को शुल्कों और करों की वापसी के लिये अधिकतम दर तय करने के वास्ते एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया।

चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से नवंबर की अवधि में देश का निर्यात कारोबार एक साल पहले की इसी अवधि में हुये निर्यात के मुकाबले 17.76 प्रतिशत घटकर 173.66 अरब डालर रहा है।