नई दिल्ली। भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) का बड़ा झटका लगा है। इंफोसिस ने एक विदेशी कंपनी के साथ ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉल्यूशंस को लेकर 150 बिलियन डॉलर (12,475 करोड़ रुपए) की डील की थी जो अब रद्द हो गई है। इसे लेकर दोनों कंपनियों के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर भी हुए थे, लेकिन अंत में होने वाला मास्टर एग्रीमेंट अब नहीं होने जा रहा है। इंफोसिस ने डील रद्द होने की जानकारी तो दी है लेकिन जिस कंपनी ने डील कैसिंल की है, उसका नाम नहीं बताया है।
इंफोसिस ने 150 बिलियन डॉलर की इस डील के लिए सितंबर 2023 में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) साइन हुआ था। एमओयू 15 साल के लिए था। इसके तहत इंफोसिस को अपने प्लेटफॉर्म के जरिए वैश्विक कंपनी को डिजिटल एक्सपीरिएंसेज और एआई सॉल्यूशंस मुहैया कराना था। इंफोसिस के लिए कांट्रैक्ट वैल्यू के हिसाब से सितंबर तिमाही अब तक की सबसे दमदार तिमाही रही थी। इस तिमाही में कंपनी को कुल 770 बिलियन डॉलर के ऑर्डर मिले थे। जिसमें से 150 बिलियन डॉलर की तो इसी एक वैश्विक कंपनी के साथ डील की थी।
इंफोसिस को पंद्रह दिन में दूसरा झटका लगा है। दो सप्ताह पहले ही इंफोसिस के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) नीलांजन रॉय ने अचानक से इस्तीफा दे दिया था। वह 6 साल से इस पद पर बने हुए थे। आईटी सेक्टर के जानकारों का मानना है कि डील इंफोसिस की डील रद्द होना बताती है कि भारतीय आईटी बिजनेस लगातार चुनौतियों का सामना कर रहा है।
सितंबर तिमाही में इंफोसिस को 770 बिलियन डॉलर की डील मिली थी। 150 बिलियन डॉलर की डील अब रद्द हो चुकी है। अब बाकी बड़ी डील की बात करें तो इंफोसिस को एक मौजूदा ग्राहक से 200 बिलियन डॉलर का कांट्रैक्ट मिला था। इसके तहत कंपनी को 5 साल तक एआई और ऑटोमेशन आधारित डेवलपमेंट और मेंटेमेंटेनेंस सर्विसेज मुहैया कराना है। लिबर्टी ग्लोबल के साथ भी इंफोसिस ने पांच साल के लिए एक 150 बिलियन डॉलर की डील साइन की थी।
इंफोसिस के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के नतीजे शानदार रहे थे। सितंबर तिमाही में कंपनी ने 6212 करोड रुपये मुनाफा कमाया था। सालाना आधार पर मुनाफे में तीन फीसदी की वृद्धि हुई। इंफोसिस का बाजार पूंजीकरण 6.46 लाख करोड़ रुपये है।