नई दिल्ली। देश का निर्यात दिसंबर, 2020 में 0.8 प्रतिशत घटकर 26.89 अरब डॉलर रह गया। यह लगातार तीसरा महीना है जबकि निर्यात में गिरावट आई है। वहीं आयात बढ़ने की वजह से दिसंबर में व्यापार घाटा बढ़कर 15.71 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
दिसंबर, 2019 में निर्यात 27.11 अरब डॉलर रहा था। हालांकि, निर्यात में गिरावट की रफ्तार में कम हुई है। नवंबर में निर्यात में 8.74 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी शुरुआती आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में आयात 7.6 प्रतिशत बढ़कर 42.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे व्यापार घाटा बढ़कर 15.71 अरब डॉलर हो गया। दिसंबर, 2019 में आयात 39.5 अरब डॉलर रहा था।
आयात ने नौ माह बाद सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। इससे पहले फरवरी में आयात 2.48 प्रतिशत बढ़ा था।
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘दिसंबर, 2020 में भारत शुद्ध आयातक रहा। इस दौरान व्यापार घाटा 15.71 अरब डॉलर रहा। दिसंबर, 2019 में व्यापार घाटा 12.49 अरब डॉलर रहा था। इस तरह व्यापार घाटा 25.78 प्रतिशत बढ़ा है।’’
आयात और निर्यात का अंतर व्यापार घाटा कहलाता है। व्यापार घाटा जुलाई, 2020 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। जून, 2020 में देश व्यापार अधिशेष की स्थिति में था।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि में देश का वस्तुओं का निर्यात 15.8 प्रतिशत घटकर 200.55 अरब डॉलर रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में निर्यात का आंकड़ा 238.27 अरब डॉलर रहा था।
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में आयात 29.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 258.29 अरब डॉलर पर आ गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में आयात 364.18 अरब डॉलर रहा था।
दिसंबर, 2020 में कच्चे तेल का आयात 10.37 प्रतिशत घटकर 9.61 अरब डॉलर रह गया। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह अप्रैल-दिसंबर में तेल आयात 44.46 प्रतिशत घटकर 53.71 अरब डॉलर रहा है।
समीक्षाधीन महीने में खली का निर्यात 192.60 प्रतिशत, लौह अयस्क का 69.26 प्रतिशत, कालीन का 21.12 प्रतिशत, फार्मास्युटिकल्स का 17.44 प्रतिशत, मसालों का 17.06 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का 16.44 प्रतिशत, फलों और सब्जियों का 12.82 प्रतिशत और रसायन का 10.73 प्रतिशत बढ़ा है।
इसके अलावा सूची धागे/कपड़े, हथकरघा उत्पादों का निर्यात 10.09 प्रतिशत बढ़ा। चावल निर्यात में 8.60 प्रतिशत, मांस, डेयरी और पॉल्ट्री उत्पादों के निर्यात में 6.79 प्रतिशत, रत्न एवं आभूषणों के निर्यात में 6.75 प्रतिशत, चाय में 4.47 प्रतिशत तथा इंजीनियरिंग सामान के निर्यात में 0.12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
वहीं दूसरी ओर पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में 40.47 प्रतिशत, तिलहन में 31.80 प्रतिशत, चमड़ा और चमड़ा उत्पाद में 17.74 प्रतिशत, कॉफी में 16.39 प्रतिशत, सिलेसिलाए परिधान में 15.07 प्रतिशत, काजू में 12.04 प्रतिशत और तंबाकू में 4.95 प्रतिशत की गिरावट आई।
वहीं आयात की बात की जाए, तो दिसंबर, 2020 में दलहन आयात में 245.15 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सोने का आयात 81.82 प्रतिशत, वनस्पति तेल का 43.50 प्रतिशत, रसायन का 23.30 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का 20.90 प्रतिशत, मशील टूल का 13.46 प्रतिशत, बहमूल्य रत्नों का 7.81 प्रतिशत तथा उर्वरक का आयात 1.42 प्रतिशत बढ़ा।
समीक्षाधीन महीने में चांदी, अखबारी कागज, परिवहन उपकरणों आदि के आयात में गिरावट आई।
निर्यातकों के प्रमुख संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने कहा कि निर्यात में 0.8 प्रतिशत की मामूली गिरावट से सुधार का संकेत मिलता है। ऑडरों की बुकिंग में लगातार सुधार हो रहा है।
सर्राफ ने सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों…मसलन कंटेनरों की उपलब्धता बढ़ाने, ढुलाई शुल्क में कमी करने और भारत से वस्तुओं के निर्यात की योजना (एमईआईएस) के लाभ जारी करने और भारत से सेवाओं के निर्यात की योजना (एसईआईएस) पर चीजों को स्पष्ट करने की मांग की है।