इंजीनियरों की कलाकारी : दिल्ली मेट्रो के निर्माण स्थलों पर बनाए चित्र, कोरोना से बचाव के किए अनूठे उपाय


पुरानी कहावत है, एक चित्र हज़ार शब्दों के बराबर होता है। दिल्ली मेट्रो के इंजीनियरों ने इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए अपने निर्माण स्थलों पर चित्रों के सहारे कोविड-19 संबंधी व्यापक जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाया है।



नई दिल्ली। पुरानी कहावत है, एक चित्र हज़ार शब्दों के बराबर होता है। दिल्ली मेट्रो के इंजीनियरों ने इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए अपने निर्माण स्थलों पर चित्रों के सहारे कोविड-19 संबंधी व्यापक जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाया है।
निर्माण स्थलों की दीवारों पर लगाए गए इन चित्रात्मक संदेशों का मकसद दिल्ली मेट्रो से जुड़े सभी कर्मियों के अलावा निर्माण स्थल पर कार्यरत मजदूरों को भी इस महामारी से जुड़े ज़रूरी एहतियात की जानकारी मुहैया कराना है। निर्माण स्थल के कोने-कोने में इस तरह के संदेश लगाए गए हैं ताकि मजदूरों को जागरूक करने में कोर-कसर न रह जाए।

मेट्रो के अधिकारियों ने बताया, अधिकांश संदेश द्विभाषी हैं और सरल हिंदी का प्रयोग किया गया है ताकि किसी को भी संदेश आसानी से समझ आ सकें। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली मेट्रो के संरक्षा विभाग की ओर से ये अनूठी पहल की गई है। इस मुहिम में कोविड-19 से संबंधित सभी सरकारी दिशानिर्देशों का  अनुपालन किया गया है। इन संदेशों को दीवारों पर चित्रित करना दिल्ली मेट्रो के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था क्योंकि वैश्विक महामारी के इस दौर में दीवारों पर चित्र बनाने वाले कलाकार उपलब्ध नहीं थे। विकल्प के तौर पर, कई जगहों पर फ्लेक्स बैनर इस्तेमाल किए गए हैं।

पहले चरण से ही कार्य संस्कृति के हिस्से हैं चित्र
दिल्ली मेट्रो के फेज़-1 से ही निर्माण स्थलों पर चित्रों के ज़रिए संरक्षा संदेशों का प्रसार कार्य संस्कृति का हिस्सा रहा है। आकर्षक शायरी, चुटीली भाषा और आसान चित्रों वाले इस तरह के संदेश मजदूरों तक अपना संदेश आसानी से पहुंचाते हैं और निर्माण स्थलों पर सुरक्षा और स्वच्छता भी सुनिश्चित होती है। मगर ये पहली बार है कि किसी महामारी से जागरूकता के लिए इस चित्रात्मक मुहिम का उपयोग किया जा रहा है।
मेट्रो के निर्माण स्थल पर सुरक्षा का अनूठा पहल
वर्तमान में दिल्ली मेट्रो के पांच-छह निर्माण स्थल जैसे ढांसा, द्वारका में एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन का विस्तार और फेज़-4 के अंतर्गत कुछ साइट, कास्टिंग यार्ड सक्रिय हैं। कार्यस्थलों पर ठेकेदार व मजदूरों द्वारा काम दोबारा शुरू करने के दौरान सरकार द्वारा जारी सभी दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है। अलग-अलग कार्यशालाओं द्वारा उन्हें ज़रूरी सावधानियां बरतने के संबंध में जागरूक किया जा रहा है।

सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए तमाम ज़रूरी तैयारियां की गई हैं। मास्क, सैनिटाइज़र, थर्मल स्कैनर आदि भी पर्याप्त मात्रा में साइट पर उपलब्ध कराए गए हैं। दिल्ली मेट्रो की टीम द्वारा सभी साइटों पर सरकारी दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए लगातार नज़र रखी जा रही है।