मनी लॉन्डरिंग मामले में रोज वैली ग्रुप के अधिकारी को 7 साल की जेल

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नई दिल्ली। कोलकाता में एक विशेष पीएमएलए अदालत ने रोज वैली समूह की एक कंपनी के अधिकारी अरुण मुखर्जी को धनशोधन मामले में दोषी ठहराते हुए सात साल कड़े कारावास की सजा सुनाई है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत 2014 में कंपनी, उसके अध्यक्ष गौतम कुंडू और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। कुंडू को एजेंसी ने 2015 में कोलकाता में गिरफ्तार किया था।

ईडी ने एक बयान में कहा, ‘‘अदालत ने अरुण मुखर्जी को सात साल कड़े कारावास की सजा सुनाई है और उस पर ढाई लाख रुपए का जुर्माना लगाया है, जिसे नहीं भरने पर उसे छह महीने और कड़े कारावास की सजा काटनी होगी।’’

उसने कहा कि मुखर्जी डिबेंचर न्यासी था और ‘रोज वैली रियल एस्टेट कंस्ट्रक्शन लिमिटेड’ कंपनी के कार्यों एवं मामलों के लिए जवाबदेह था। उसने अदालत के सामने धनशोधन का अपराध स्वीकार किया है।

रोज वैली समूह ने हजारों लोगों को निवेश पर अच्छा लाभ देने का झांसा लेकर उनका धन कथित तौर पर हड़प लिया है। ईडी के अनुसार, रोज वैली समूह ने इन योजनाओं के तहत निवेशकों से 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि एकत्र की है।