नई दिल्ली। अमेरिका में बांड पर प्राप्ति बढ़ने तथा मुनाफावसूली के सिलसिले के बीच मार्च के पहले सप्ताह में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय बाजारों से 5,156 करोड़ रुपये की निकासी की है। इससे पिछले दो माह के दौरान एफपीआई भारतीय बाजार में शुद्ध निवेशक रहे थे।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एक से पांच मार्च के दौरान एफपीआई ने शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 881 करोड़ रुपये और ऋण या बांड बाजार से 4,275 करोड़ रुपये निकाले हैं। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 5,156 करोड़ रुपये रही है। इससे पहले फरवरी में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 23,663 करोड़ रुपये और जनवरी में 14,649 करोड़ रुपये डाले थे।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई की निकासी की वजह बाजार के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचने की वजह से निवेशकों द्वारा मुनाफा काटा जाना है।
इसके अलावा बांड पर प्राप्ति बढ़ने तथा मुद्रास्फीति की वजह से भी शेयरों में एफपीआई का निवेश प्रभावित हुआ।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि मार्च में एफपीआई की निकासी की मुख्य वजह अमेरिका में बांड पर प्राप्ति बढ़ना और डॉलर इंडेक्स का मजबूत होना है।
ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि जब भी अमेरिका में बांड पर प्राप्ति बढ़ती है, इसी तरह का रुख देखने को मिलता है।