कोलकाता। पूर्वी रेलवे की नई कोलियाघाट इमारत में आग लगने से 9 लोगों की मौत के एक दिन बाद ही इसे लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस सरकार पर लचर आपदा प्रबंधन का आरोप लगाया तो वहीं सत्तारूढ़ दल ने आरोपों को खारिज कर दिया। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
भाजपा के पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने एक ट्वीट में कहा कि राज्य को स्थानीय निकायों को अग्निशमन उपकरणों की सुविधा से लैस कर उचित व्यवस्था करनी चाहिए। मालवीय ने ट्वीट किया, पश्चिम बंगाल में बेहतर आपदा प्रबंधन नीति की जरूरत है, स्थानीय निकायों को अग्निशमन उपकरणों से लैस करना चाहिए और उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, प्रभावी और पारदर्शी अग्निशमन नीति की जरूरत है जिसमें इमारतों में आग लगने की स्थिति में तैयारी को प्रमाणित करने का तंत्र होना चाहिए। उधर, आरोपों को खारिज करते हुए प्रदेश के अग्निशमन और आपात सेवा मंत्री सुजीत बोस ने कहा, ‘‘आग पर नियंत्रण के लिए हाइड्रोलिक सीढ़ी लगाने से लेकर हमारे कर्मियों ने हरसंभव कदम उठाए। रेलवे ने 12 वें तल के लिए भीतरी क्षेत्र का नक्शा ही हमें मुहैया नहीं कराया।
बोस ने अफसोस जताया कि भगवा पार्टी ‘‘तुच्छ राजनीतिक फायदे’’ के लिए त्रासदी का राजनीतिकरण कर रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार रात घटनास्थल का दौरा किया और आरोप लगाया कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी वहां मौजूद नहीं थे। पुलिस ने कहा कि आग में चार दमकलकर्मी, तीन रेलवे कर्मी और कोलकाता पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक समेत नौ लोगों की मौत हो गयी।