
लखनऊ। राजा झाऊलाल सद्भावना मिशन के संस्थापक डॉ अनूप कुमार ने विश्व पर्यावरण दिवस पर बयान में कहा कि पर्यावरण का अर्थ मुख्यतः दो शब्दों से मिलकर बना है। परि+ आवरण, जिसका अर्थ है हमारे आसपास मौजूद प्राकृतिक आवरण को हम पर्यावरण कहते हैं। पर्यावरण का सरल अर्थ हमारे चारों ओर का वातावरण जिसमें हम घिरे हुए हैं जैसे कि जल, पौधे, हवा जो प्राकृति को संतुलित बनाए रखते हैं।
संतुलित स्वच्छ और सुंदर पर्यावरण, जीव जंतुओं को जीवित रहने और विकसित होने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। मगर वर्तमान में ईश्वर द्वारा प्रदत्त इस प्राकृतिक भेंट को मनुष्य ने निरंतर दूषित करने का कार्य किया है। पर्यावरण के असंतुलन को खत्म करने के लिए पूरे विश्व में आज का दिन विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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कुमार ने कहा कि इस दिन हमें यह वचन लेना चाहिए कि आज से हम अपने चारों ओर फैले हुए वातावरण को किसी भी हाल में दूषित नहीं होने देंगे और हम अपनी हरी भरी प्राकृतिक संपदा को सहेज कर रखेंगे। मगर अफसोस कि आज इंसान आधुनिकीकरण एवं शहरीकरण की दौड़ में वृक्षों एवं जंगलों को काट कर लगातार पत्थरों के शहर बनाता चला जा रहा है ऐसी स्थिति में हमें भविष्य में प्राकृतिक असंतुलन के चलते, भयानक परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
पर्यावरण दिवस के मौके पर मुझे ‘फरहद एहसास’ का एक शेर याद आ रहा है कि जंगल को काटकर कैसा गज़ब हमने किया। शहर जैसा एक आदम खोर पैदा कर दिया। इस मौके पर अली मीसम ने कहा कि पर्यावरण मतलब अपने चारों ओर उस अल्लाह, ईश्वर, गॉड द्वारा निशुल्क दी हुई हवा, पानी, पौधे, पेड़ को दूषित नहीं करना चाहिए, क्योंकि उन्हीं चीजों पर हमारा जीवन निर्भर है। व अल्लाह, गॉड ,ईश्वर द्वारा बनाई हुई कोई चीज को मिटाना,खराब करना गुनाह है