मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई में सार्वजनिक स्थानों पर बढ़ रही लोगों की भीड़ पर मंगलवार को चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगर इसे नियंत्रित या सीमित नहीं किया गया, तो शहर को एक बार फिर इस साल कोविड-19 के मामले बढ़ने के दौरान उत्पन्न स्थिति जैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता, न्यायमूर्ति एए सयैद, न्यायमूर्ति केके ताडेद और न्यायमूर्ति पीबी वरले की एक पूर्ण पीठ ने कहा कि सरकार, अधिकारी और नागरिकों को पूर्व के अनुभवों से सीखना चाहिए और ध्यान रखें कि विशषज्ञों के अनुसार कोविड-19 वैश्विक महामारी की तीसरी लहर बस दस्तक ही देने वाली है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने कहा, ‘‘ उच्च न्यायालय की हमारी प्रशासनिक समिति, वकीलों और विशेषज्ञों की सोमवार को हुई बैठक में उच्चतम न्यायाल द्वारा विशेष कार्यबल के प्रमुख नियुक्त किए गए डॉ. राहुल पंडित ने बताया कि वैश्विक महामारी की तीसरी लहर बस दस्तक देने ही वाली है। अगर सभी सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया तो राज्य को एक आसन्न खतरे का सामना करना पड़ेगा। डॉ. पंडित ने यह भी कहा कि कम से कम अप्रैल 2022 तक तो राष्ट्र को कोविड-19 से निजात नहीं मिलेगी।’’
उच्च न्यायालय ने कहा कि विभिन्न समाचार पत्रों में मुंबई के जुहू चौपाटी, गिरगांव चौपाटी और मरीन ड्राइव पर लोगों के बढ़ी संख्या में एकत्रित होने की तस्वीरें प्रकाशित हुई हैं। अदालत ने कहा, ‘‘अगर आप (सरकार) इसे नियंत्रित या सीमित नहीं करेंगे तो, एक बार फिर वही स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। हमें अपने अनुभव से सीखने की जरूरत है।’’
पीठ ने उच्च न्यायालय के साथ-साथ महाराष्ट्र और गोवा में सभी अधीनस्थ अदालतों और न्यायाधिकरणों द्वारा पारित सभी अंतरिम आदेशों को 30 सितम्बर तक बढ़ा दिया। अदालत ने कहा, ‘‘ विशेषज्ञों की राय पर गौर करते हुए, अनिश्चितता की स्थिति और आने वाले उत्सव, जो लोगों के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं, हमारी राय है कि यदि सुरक्षात्मक अंतरिम आदेश 30 सितम्बर तक बढ़ाए जाते हैं तो वह न्यायसंगत होगा।’’ उच्च न्यायालय ने कहा कि स्थिति का आकलन करने के लिए अब 24 सितम्बर को पूर्ण पीठ फिर मिलेगी।
गौरतलब है कि मुंबई में सोमवार को लगातार छठे दिन कोविड-19 के 300 से अधिक मामले सामने आए। कोविड-19 के 334 नए मामले सामने आने के बाद शहर में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7,43,832 हो गई। वहीं, दो और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 15,976 हो गई।