नई दिल्ली। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख़ ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान को एक रेव पार्टी से गिरफ़्तार किया है। आर्यन पर आरोप हैं कि उन्होंने ड्रग्स ख़रीदे और उनका सेवन किया था। आर्यन खान की जमानत पर सोमवार को सुनवाई हुई थी, लेकिन उन्हें गुरुवार तक एनसीबी की हिरासत में भेज दिया गया।
इस कोर्डेलिया क्रूज़ पर हुई कथित रेव पार्टी में आर्यन खान के अलावा 8 और लोगों को हिरासत में एनसीवी ने लिया गया था। इसके बाद से रेव पार्टियों और उनमें ड्रग्स के इस्तेमाल पर आम लोगों के बीच चर्चा शुरू हो गई है। आखिर‘रेव पार्टी, क्या है इसके अलावा इन पार्टीज में होता क्या है?
रेव पार्टी क्या है?
आइए सबसे पहले जानते है कि आखिर रेव पार्टी होती क्या है दरअसल यूरोप के देशों में साठ के दशक में होने वाली पार्टियां शराब और शवाब तक सीमित थी, लेकिन 80 के दशक में इसका स्वरूप बदलने लगा और इसने रेव पार्टी का रूप ले लिया। 90 के दशक में आते-आते दुनियाभर के कई देशों में रेव पार्टियों का चलन बढ़ने लगा। ‘रेव’ शब्द मतलब मौज-मस्ती से भरी जोशीली महफिलों को रेव कहा जाता है।
लंदन में होने वाली ऐसी जोशीली पार्टियों को ‘रेव पार्टी’ कहा जाने लगा। अगर बात भारत में इसके चलन की बात की जाय तो, हमारे देश में रेव पार्टियों का चलन गोवा से शुरू हुआ। इसके बाद कई शहरों में ऐसी पार्टियों का ट्रेंड बढ़ता चला गया। पिछले कुछ सालों में हिमाचल की कुल्लू घाटी, बेंगलुरु, पुणे, मुंबई समेत कई शहर रेव हॉटस्पॉट के रूप में उभरे हैं।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक एनसीबी के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि रेव पार्टियां केवल पार्टी सर्किट से जुड़े हुए कुछ चुनिंदा लोगों के लिए आयोजित की जाती हैं। उन्होंने बताया कि इन पार्टियों में शामिल होने के लिए हज़ारों-लाखों ख़र्च करने पड़ते हैं। इसलिए सामान्य लोग इसमें नहीं जा सकते।
ये पार्टियाँ बेहद अमीर लोगों के लिए होती हैं। नए लोगों को इन पार्टियों में आने की इजाजत नहीं होती। इसकी गोपनियता का पूरा ध्यान रखा जाता है। ड्रग लेने और बेचने वालों के लिए यह एक सुरक्षित जगह होती है। अधिकारी के मुताबिक रेव पार्टियों में बड़ी मात्रा में ड्रग्स लिया जाता है। रेव पार्टियां 24 घंटे से लेकर तीन दिनो तक चलती हैं।
इन पार्टीज में होता क्या है?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसारइन पार्टियों के अंदर पार्टी के दौरान तेज आवाज में इलेक्ट्रिक ट्रांस म्यूज़िक चलता है ताकि ड्रग लेने वाले लंबे समय तक एक ही तरह के अपनी मस्ती में रहें। लोग ड्रग्स लेते हैं और इस म्यूजिक पर झूमते हैं। माना जाता है कि इन पार्टियों में एंट्री के लिए भी अच्छी-खासी पैसों की जरुरत होती है।
इसमें हजारों वाट के संगीत पर थिरकते युवा होते हैं। कोकीन, हशीश, चरस, एलएसडी, मेफेड्रोन, एक्सटसी जैसे ड्रग्स लिए जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट की माने तो, कुछ रेव पार्टियों में ‘चिल रूम्स’ भी होते हैं जहां खुलेआम सेक्स चलता है।