आरबीआई के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने कहा- 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य पाना असंभव

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The Chairman, Economic Advisory Council to PM, Dr. C. Rangarajan addressing a Press Conference on Review of Economy 2009-10, in New Delhi on February 19, 2010.


हैदराबाद।  भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में भारतीय अर्थव्यवस्था का 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचाना असंभव है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि इस लक्ष्य को पाने के लिए अगले पांच साल तक नौ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी।

आईसीएफएआई फाउंडेशन फोर हायर एजुकेशन के 11वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए रंगराजन ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। यदि ऐसा होता है, तो टीकाकरण का दायरा बढ़ाने के साथ कुल बुनियादी ढांचा निवेश के तहत स्वास्थ्य ढांचे पर निवेश बढ़ाने की जरूरत होगी।

रंगराजन ने कहा, ‘‘कुछ साल पहले यह उम्मीद थी कि भारत 2025 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। अब यह असंभव है। 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था 2,700 अरब डॉलर की थी। मार्च, 2022 के अंत तक हम इसी स्तर पर होंगे। 2,700 अरब डॉलर से 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचने के लिए अर्थव्यवस्था को लगातार पांच साल तक नौ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी।’’

उन्होंने कहा कि 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि सरकार की सबसे बड़ी चिंता होनी चाहिए। यह कई सामाजिक आर्थिक समस्याओं का हल भी है। इक्विटी भी महत्वपूर्ण है, लेकिन सुधारों के जरिये ऊंची वृद्धि को समर्थन के बिना यह दूर की कौड़ी है।

रंगराजन ने कहा, ‘‘राजस्व में सुधार के साथ खर्च भी बढ़ाया सकता है, क्योंकि राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 6.8 प्रतिशत के बजट लक्ष्य से नीचे लाने की कोई जरूरत नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि भारत को पिछले दो साल के दौरान उत्पादन में हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए तेज वृद्धि की जरूरत है।

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व चेयरमैन ने कहा कि कोविड-19 पर अंकुश के लिए लगाए गए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठहर गई थीं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन अंकुशों में ढील के बाद अब अर्थव्यवस्था ने फिर से रफ्तार पकड़ना शुरू किया है।



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