नई दिल्ली। पड़ोसी देश बांग्लादेश में दुर्गा पूजा समारोह के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने तीखी आलोचना की है। शेख हसीना ने चेतावनी शब्दों में कहा कि ‘जो कोई भी इस हमले में शामिल है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा’। शेख हसीना ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किस धर्म के लोग थे। उन्होंने आगे कहा, सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगा।
शेख हसीना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ढाका के ढाकेश्वरी नेशनल टेंपल में हुए इवेंट को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने कहा कि ‘कोमिल्ला जिले में हुई घटना की जांच की जा रही है। हिंदू मंदिरों में और दुर्गा पूजा के पंडालों में जिसने भी हमला किया है, उनमें से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि इन उपद्रवियों का धर्म कौन सा था। इन हमलों के पीछे वही लोग हैं जो जनता का भरोसा जीतने में नाकाम रहे हैं’।
क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक फ़ेसबुक पोस्ट में कुरान के कथित अपमान के कारण भड़की हिंसा के बाद कई दुर्गा पूजा पंडालों में तोड़फोड़ हुई है और इसके बाद कई दुर्गा पूजा पंडालों में तोड़फोड़ हुई। जिसके बाद घटना स्थल पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। इस घटना में कम से कम 150 अल्पसंख्यक परिवारों पर हमले हुए हैं। हमले में अधिकारियों ने तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है।
हिंसा के बाद ‘बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल’ ने क्या कहा
इस हिंसा के बाद उपजे तनाव के बीच बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने ट्विटर के जरिए मुसमलान समुदाय से अफवाहों पर भरोसा नहीं करने की अपील की है। काउंसिल ने प्रधानमंत्री से वहाँ सेना भेजने की भी मांग की है।
Dear Prime Minister @albd1971 . Hindus will not worship if the Muslims of Bangladesh don’t want it. But at least save the Hindus. The attack is still going on. Plz send Army. We want Bangladesh Army in Puja Mandapas .
— Bangladesh Hindu Unity Council (@UnityCouncilBD) October 14, 2021
काउंसिल ने कहा है, “हम अपने मुस्लिम भाइयों से अपील करते हैं कि वो अफवाहों पर भरोसा न करें। हम कुरान का सम्मान करते हैं। दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल में कुुरान रखने की कोई ज़रूरत नहीं है। यह दोनों समुदायों के बीच दंगा भड़काने की साजिश है। कृपया हिंदुओं और पंडालों पर हमले न करें।”
We also respect Islam. We also love Quran. Islam never support this .We want to live in harmony with our Muslim brothers in Bangladesh.
— Bangladesh Hindu Unity Council (@UnityCouncilBD) October 13, 2021
एक दूसरे ट्वीट में बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने लिखा था कि ’13 अक्टूबर 2021, बांग्लादेश के इतिहास में एक निंदनीय दिन था। अष्टमी के दिन मूर्ति विसर्जन के मौके पर कई पूजा मंडपों में तोड़फोड़ की गई। हिंदू अब पूजा मंडपों की रखवाली कर रहे हैं। आज पूरी दुनिया चुप है। मां दुर्गा अपना आशीर्वाद दुनिया के सभी हिंदुओं पर बनाए रखें।’
13 October 2021.
A scandalous day in the history of Bangladesh.Many puja mandapas have been vandalized, Pratima Bisarjan in the Day of Austomi. Hindus are now guarding the puja mandapa.the whole world is silent today. May maa Durga bless all the Hindus of the world.Never Forgive.— Bangladesh Hindu Unity Council (@UnityCouncilBD) October 13, 2021
इस पूरे मामले पर भारत सरकार का रुख़
इस पूरे मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आई है। विदेश मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को कहा गया है कि उन्होंने इस बात पर गौर किया कि पड़ोसी मुल्क ने इस घटना के बाद गंभीरता से एक्शन लिया और हालात को काबू किया। भारतीय मिशन इस मामले को लेकर बांग्लादेशी अथॉरिटी के साथ लगातार संपर्क में है।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा ‘हमने कुछ परेशान करने वाली खबरें देखी हैं। जिसमें बांग्लादेश में कुछ धार्मिक स्थलों पर हमला करने की घटनाएं हुई हैं। हमने यह बात नोटिस किया कि बांग्लदेशी सरकार ने हालात को काबू करने के लिए तुरंत जरुरी कार्रवाई की है। हम इस बात को भी समझते हैं कि वहां दुर्गा पूजा त्योहार सरकारी एजेंसियों और बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के सहयोग की वजह से हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
बीजेपी ने क्या कहा
बीजेपी के सोशल मीडिया प्रमुख अमित मालवीय ने बांग्लादेश में दुर्गा पूजा स्थलों पर हमले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा है, ”बांग्लादेश में हिन्दुओं की धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में है और यह बताता है कि सीएए एक मानवीय कानून है। ममता बनर्जी का सीएए का विरोध और सोची-समझी चुप्पी पश्चिम बंगाल के हिन्दुओं के लिए निराशाजनक है। यहाँ के हिन्दू भी टीएमसी शासन में हाशिए पर जा रहे हैं।”
The impunity with which religious freedom of Hindus in Bangladesh is being trampled, reiterates the importance of CAA, a humanitarian legislation.
Mamata Banerjee’s opposition to CAA and studied silence now should worry Hindus of WB, who too are facing marginalisation under TMC.
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 14, 2021
गौरतलब है कि वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, बांग्लादेश की 14.9 करोड़ की आबादी में करीब 8.5 प्रतिशत हिंदू हैं। कोमिल्ला ज़िला समेत वहां के कई और ज़िलों में हिंदू समुदाय के लोगों की बड़ी आबादी रहते है। पिछले कुछ सालों में हिंसा की छिटपुट घटनाएं होती रही हैं, जिनमें से ज्यादातर सोशल मीडिया के जरिये अफवाह फैलाने से हुईं।