जेएनयू में विवाद: एबीवीपी और वामपंथी छात्र संगठनों के बीच झड़प, जानें पूरा मामला

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दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के सदस्यों के बीच यहां जेएनयू परिसर में छात्रसंघ सभागार में एक कार्यक्रम के आयोजन को लेकर विवाद हो गया।

पुलिस ने सोमवार को बताया कि एबीवीपी और जेएनयूएसयू ने रविवार रात एक-दूसरे के सदस्यों पर हमला करने और अन्य विद्यार्थियों को घायल करने का आरोप लगाया। साथ ही बताया कि अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है।

वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, एक संगठन ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती, 14 नवंबर पर एक कार्यक्रम के लिए छात्र संघ सभागार को बुक किया हुआ था और इस सिलसिले में पोस्टर लगाए थे।

हालांकि, जब आयोजक देर शाम कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सभागार पहुंचे तो उन्होंने पाया कि एबीवीपी के करीब 15 सदस्यों ने जगह पर कब्जा किया हुआ था।

कार्यक्रम के आयोजकों और जेएनयूएसयू की एक इकाई, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्यों ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को समझाने की कोशिश की और उन्हें जाने के लिए कहा। हालांकि, वामपंथी छात्र संगठन ने आरोप लगाया कि एबीवीपी सदस्यों ने उन्हें गालियां देनी शुरू कर दी।

बयान में कहा गया, “तब, हमारे कार्यकर्ता सभागार से बाहर आए और एबीवीपी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।”

जेएनयूएसयू ने आरोप लगाया कि एबीवीपी सदस्यों ने हिंसा की और आम छात्रों पर हमला किया। इसके बाद, विद्यार्थी बड़ी संख्या में वहां आए और एबीवीपी सदस्यों को वहां से जाना पड़ा। इस घटना की निंदा करते हुए जेएनयूएसयू ने सोमवार को मार्च बुलाया है।

वहीं, एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वामपंथी पार्टियों ने छात्र गतिविधि केंद्र ‘टेफ्लास’ में एक बैठक का आयोजन करने के लिए विद्यार्थियों पर हमला किया।

पुलिस ने कहा कि नारेबाजी की सूचना मिलते ही उन्होंने कार्रवाई की। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) गौरव शर्मा ने कहा कि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर बैठक में बाधा डालने का आरोप लगा रहे हैं। जांच जारी है और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।



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