नई दिल्ली। कांग्रेस ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के बीच एकजुटता और समन्वय बढ़ाने के प्रयास के तहत 29 नवंबर को कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं की बैठक बुलाई है।
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से आरंभ हो रहा है और यह 23 दिसंबर तक चलेगा है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विभिन्न विपक्षी दलों के सदन के नेताओं को शुक्रवार को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वे संसद सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा के लिए सोमवार को होने वाली बैठक में शामिल हों।
पत्र में खड़गे ने कहा, ‘‘यह सत्र जरूरी मुद्दे उठाने के संदर्भ में हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मैं 29 नवंबर को सुबह 9.45 बजे संसद भवन स्थित अपने कक्ष में दोनों सदनों के विपक्षी पार्टियों के नेताओं की बैठक बुला रहा हूं।’’
उन्होंने मॉनसून सत्र में सहयोग के लिए विपक्षी नेताओं का आभार प्रकट किया और कहा कि 29 नवंबर की बैठक से जनहित के मुद्दे संसद में उठाने के लिए एकजुट होकर काम करने में मदद मिलेगी। राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस विपक्षी एकजुटता का मुख्य आधार है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमारा संवैधानिक कर्तव्य है, जिसे हम मानते हैं। हमें इसका अहसास है कि हम देश की मुख्य विपक्षी पार्टी हें। लोगों की उम्मीद होती है कि हम उनके मुद्दे उठाएंगे। हम जनता के मुद्दे उठाएंगे।’’
कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को पार्टी के संसदीय मामलों के रणनीतिक समूह की बैठक में फैसला किया कि वह इस शीतकालीन सत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत किसान संगठनों की मांगों, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग, महंगाई, सीमा पर चीन की आक्रमकता और पेगासस जासूसी प्रकरण जैसे मुद्दों को दोनों सदनों में उठाते हुए सरकार को घेरेगी।