भारत ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित टिप्पणी पर ओआईसी के बयान को किया खारिज


भारत ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो नेताओं की कथित विवादित टिप्पणियों को लेकर देश की आलोचना किए जाने पर सोमवार को इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईए) पर निशाना साधा।


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नई दिल्ली। भारत ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो नेताओं की कथित विवादित टिप्पणियों को लेकर देश की आलोचना किए जाने पर सोमवार को इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईए) पर निशाना साधा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ओआईसी सचिवालय की ‘गैर जरूरी और छोटी सोच वाली टिप्पणी’ को सिरे से खारिज करता है और इस बात पर जोर देता है कि नयी दिल्ली सभी धर्मों के प्रति सर्वोच्च सम्मान का भाव रखती है।

बागची ने कहा, ‘‘कुछ व्यक्तियों द्वारा एक पूजनीय हस्ती के खिलाफ आक्रामक ट्वीट एवं अमर्यादित टिप्पणी की गई। ये टिप्पणियां किसी भी रूप में भारत सरकार के विचारों को प्रदर्शित नहीं करती हैं।’’

उन्होंने कहा कि संबंधित निकायों द्वारा इन लोगों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।

गौरतलब है कि भाजपा ने विवादित बयानों के लिए अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को रविवार को पार्टी से निलंबित कर दिया। वहीं, दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी नेतृत्व ने भाजपा से निष्कासित करने का फैसला लिया। दोनों नेताओं की विवादित टिप्पणियों को लेकर कई खाड़ी देशों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।

टिप्पणियों को लेकर मुस्लिम समुदाय के विरोध के बीच भाजपा ने एक तरह से दोनों नेताओं के बयानों से किनारा करते हुए कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और उसे किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों का अपमान स्वीकार्य नहीं है।

इस बीच, बागची ने कहा, ‘‘यह खेदजनक है कि ओआईसी सचिवालय ने एक बार फिर से प्रेरित, गुमराह करने वाली और शरारतपूर्ण टिप्पणी की। यह निहित स्वार्थी तत्वों की शह पर उसके विभाजनकारी एजेंडे को उजागर करता है।’’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ओआईसी की टिप्पणी पर मीडिया के सवालों के जवाब पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘‘हम ओआईसी सचिवालय से आग्रह करते हैं कि वह सांप्रदायिक रुख को आगे बढ़ाना बंद करे और सभी धर्मों एवं आस्थाओं के प्रति सम्मान प्रदर्शित करे।’’

उल्लेखनीय है कि ओआईसी ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी को लेकर भारत की आलोचना की थी और संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया था कि मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।