कोरोना मरीज की जान बचाने के नाम पर एक कश्मीरी युवक ने परिचित से की धोखाधड़ी, ऐठ लिए 27 हजार


दिल्ली के महाराजा अग्रसेन कॉलेज में गेस्ट प्रोफेसर डा. अवधेश कुमार के
साथ जवाहरलाल नेहरू विवि (जेएनयू) से जुड़े एक परिचित ने 27 हजार रुपये की
धोखाधड़ी की है। पीड़ित ने बताया कि उससे पैसे इलाज कराने के नाम पर मांगा
गया। अवधेश ने बताया कि उसने 18 जुलाई को ठगी के आरोपी एजाज वानी के खिलाफ दिल्ली के किशनगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया है।


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नई दिल्ली। दिल्ली के महाराजा अग्रसेन कॉलेज में गेस्ट प्रोफेसर डा. अवधेश कुमार के साथ जवाहरलाल नेहरू विवि (जेएनयू) से जुड़े एक परिचित ने 27 हजार रुपये की धोखाधड़ी की है। अवधेश ने बताया कि उससे पैसे इलाज कराने के नाम पर मांगा गया। पीड़ित ने बताया कि उसने 18 जुलाई को कथित आरोपी एजाज वानी के खिलाफ दिल्ली के किशनगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया है। एजाज वानी कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है।
अवधेश ने बताया कि साल 2013 में मेरे एक कश्मीरी मित्र ने एक लड़के से मिलवाया जिसका नाम एज़ाज वानी था। यह कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला है। यह अक्सर जेएनयूआता रहता था, जेएनयू में इसके काफी मित्र थे। यह बीच-बीच में अलग-अलग नंबरों से मुझे फोन भी करता रहता था। वह दो बार गूगल हैंगआउट पर बात भी किया है। 

पीड़ित ने बताया, साल 2013 में एजाज वानी एक नंबर से कॉल करता था। मुझे लगता है कि यह इसका स्थायी नंबर है। प्रोफेसर के मुताबिक, एजाज ने 17 जुलाई को रात 10 बजे के बाद उसे कॉल किया और अपना परिचय एज़ाज वानी के नाम से दिया। मैं उसकी आवाज पहचान गया। उसने मुझसे कहा कि मेरा एक मित्र निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है। उसको तत्काल कुछ पैसे हॉस्पिटल को देने हैं। साथ ही उसने कहा कि वह मेरे अकाउंट में 60 हजार रुपये डलवा रहा है। और, इस धनराशि को एक अन्य मोबाइल नंबर के जरिए मित्र को भेजना है।

पीड़ित के मुताबिक, एजाज फोन पर था और इसी बीच एक टेक्सट मैसेज मुझे रिसीव होता है कि खाते में 60 हजार रुपए आ गये। एजाज ने अवधेश से मैसेज देखकर कंफर्म करने को कहा। इस पर प्रोफेसर ने उसको पैसे आने की हांमी भर दी। एजाज ने उसको बताया कि यह पैसे गूगल पे किया गया है। फिर एजाज की ओर से एक अन्य मोबाइल नंबर पर पेटीएम करने को कहा गया। अवधेश ने बताया, उसके पेटीएम में इतने पैसे नहीं है, तो एजाज उसको 25 हजार रुपए पेटीएम करने को कहता है। और एजाज की ओर से कहा जाता है कि जो भी पैसे भेजोगे वह उसके बैलेंस में से काट लीजिएगा। 

पीड़ित ने बताया कि मदद के नाम पर अपने क्रेडिट कार्ड से 25 हजार रुपए अपने पेटीएम में डाल दिये जिसका 500 रुपए बैंक चार्ज भी कट गया। फिर दिए गए मोबाइल नंबर पर मैंने पहली बार 1000 रुपए फिर 20 हजार रुपए पेटीएम कर दिया। इसके बाद एजाज कहता है कि हास्पिटल का बिल काफी ज्यादा है। इतने कम पैसों से काम नहीं चलेगा।

पीड़ित के मुताबिक, वह एजाज को बताता है कि क्रेडिट कार्ड की लिमिट पूरी हो चुकी है। मैं और पैसे पेटीएम में नहीं डाल सकता। तब एजाज ने अवधेश से कहा कि आप मुझे अपने पेटीएम का पासवर्ड बता दें। मैं मित्र को पैसे भेज दूंगा और 10 मिनट बाद आप पासवर्ड रिसेट कर दीजिएगा। बाकी आपके पास जो पैसे बचेंगे,वह मैं बाद में ले लूंगा। अवधेश ने बताया, एजाज के काफी रिक्वेस्ट के बाद मैंने पासवर्ड दे दिया। मेरे पास एक ओटीपी आया जिसको भी मैंने उसे बता दिया। लेकिन कुछ समय बाद मुझे एक मेल आया कि आपका पेटीएम अकाउंट रीसेट कर दिया गया है। अभी यह sk8013943395@gmail.com से चल रहा है।

अवधेश ने कहा, मुझे तुरंत शक हो गया। मैंने फोन काटा और गूगल पे पर अपना अकाउंट बैलेंस चेक किया, तो मेरे अकाउंट में एजाज के पैसे आए ही नहीं थे। जब मैंने पेटीएम चेक किया तो उसमें भी पैसे नहीं बचे थे। इस तरह से लगभग 27 हजार रुपये की धोखाधड़ी हो गई थी।

पीड़ित के मुताबिक, पहले से कुछ पैसे मेरे पेटीएम अकाउंट में थे, वह भी चले गए। मैंने वह टेक्सट मैसेज दुबारा पढ़ा तो वह भी फेक निकला। मैंने एजाज के नंबर पर फोन किया और अपने पैसे लौटाने को कहा तो इस पर उसने मेरे क्रेडिट कार्ड का डिटेल मांगा जो मैंने देने से मना कर दिया। फिर उसने फोन काट दिया और फोन स्विच ऑफ कर लिया। अवधेश का कहना है कि वह एजाज के पुराने वाले मोबाइल नंबर पर फोन किया जिस पर वह पहले बात करता था। उसने फोन उठाया और एक मिनट बात के दौरान यह कहकर फोन काट दिया कि गलत नंबर है। मैं रात भर चिंता के मारे सो नहीं पाया। सुबह होते ही मैंने कश्मीर में उस परिचित को फोन किया जिसके माध्यम से 2013 में एजाज मिला था। मैंने उससे पूरी बात बताई। उसने कहा कि मैं एक बार बात करके देखता हूं। एज़ाज से जब उसने बात की तो वह साफ मुकर गया और उसने बोला कि मेरी अवधेश से एक साल से बात नहीं हुई है।

पीड़ित ने बताया, उस परिचित के जरिए जब एजाज का एक दूसरा मोबाइल नंबर मिला तो उससे उस नंबर पर बात की तो वह ऐसे पेश आया जैसे कुछ हुआ ही न हो जबकि चंद मिनट पहले मेरे मित्र उसको सारी घटना से अवगत करा चुके थे। जब मैंने इससे जोर देकर कहा कि मेरे साथ फ्राड क्यों किया तो उसने कहा कि मैंने आपसे कोई बात नहीं की। मेरे पास तो आपका नंबर भी नहीं था। मैंने कहा कि मैं आपकी आवाज पहचानता हूं। एक घंटे आपने मुझसे रात में बात की थी। आपकी आवाज में कोई दूसरा कॉल नहीं कर सकता। लेकिन वह इन सारी बातों से मुकर गया। अवधेश का कहना है कि बाद में उसे पता चला कि  नया वाला मोबाइल नंबर देने के कारण एजाज ने उस मित्र को काफी डांटा था।
पीड़ित ने बताया कि 18 जुलाई को इस मामले की रिपोर्ट दिल्ली के किशनगढ़ थाने में कर दी है। वहीं अवधेश का कहना है कि एजाज ने न सिर्फ मेरे 27 हजार रुपए गायब किया बल्कि मेरे पेटीएम अकाउंट को हैक कर लिया। मेरा पेटीएम अकाउंट वेरिफाइड था जिस पर मेरी केवाईसी अपडेट थी। अब मेरे केवाईसी पर कोई अन्य अपना अकाउंट चला रहा है। जब भी मैं अपना पेटीएम खोलता हूं तो वह बिल्कुल नए अकाउंट जैसा लग रहा है और लिखकर आ रहा है कि केवाईसी अपडेट नहीं है। जब मैं अपना आधार कार्ड नंबर डालता हूं तो लिखकर आ जाता है कि यह आधार दूसरे ग्राहक के खाते में जुड़ा है। वहीं मेरे पेटीएम अकाउंट से मेरे कई कार्ड जुड़े हुए हैं और कई फोन नंबर भी जुड़े हुए हैं। मुझे डर है कि कहीं किसी गलत कार्य के लिए मेरे खाते का इस्तेमाल न हो जाए।