साहित्य अकादेमी के छह दिवसीय साहित्योत्सव का शुभारंभ, 24 भारतीय भाषाओं के लेखक हुए पुरस्कृत


कमानी सभागार में सायं 5.30 बजे आयोजित हुए साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2022 अर्पण समारोह से पहले रवींद्र भवन परिसर में पुरस्कृत रचनाकारों के साथ मीडिया से बातचीत, युवा साहिती, बहुभाषी कवि सम्मिलन, अस्मिता, बहुभाषी कहानी-पाठ एवं पूर्वोत्तरी कार्यक्रम आयोजित किए गए।


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नई दिल्ली। साहित्य अकादमी के सबसे बड़े साहित्योत्सव का आज विधिवत उद्घाटन संस्कृति राज्य मंत्री, भारत सरकार अर्जुन राम मेघवाल ने किया। अकादेमी की प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि हमें समाज में एक ऐसी सकारात्मकता पैदा करनी है जिससे हमारा देश विकासशील की जगह विकसित राष्ट्र की पदवी पा सके। उन्होंने प्राचीन संत कवियों कबीर, गुरु नानक तिरुवल्लुवर का उदाहरण देते हुए कहा कि यह संत केवल कवि नहीं बल्कि बड़ी सोच और व्यापक दृष्टि के साहित्यकार थे जिन्होंने हमें प्रकृति से प्यार करना सिखाया।

उन्होंने अकादेमी द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी कला और साहित्यिक संस्थानों को समाज में रचनात्मक और सकारात्मक परिवेश बनाएँ रखने में सहयोग करना चाहिए। मेघवाल ने जी 20 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी थीम भारतीय संस्कृति और परंपरा अर्थात तीन सिद्धांतों ‘एक पृथ्वी एक परिवार और एक भविष्य’ पर आधारित है। ऐसे बड़े आयोजनों से ही हम अपने निर्धारित लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं। इस वार्षिक प्रदर्शिनी में चित्रों तथा लेखों के विवरण से विगत वर्ष की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया था।

कमानी सभागार में सायं 5.30 बजे आयोजित हुए साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2022 अर्पण समारोह से पहले रवींद्र भवन परिसर में पुरस्कृत रचनाकारों के साथ मीडिया से बातचीत, युवा साहिती, बहुभाषी कवि सम्मिलन, अस्मिता, बहुभाषी कहानी-पाठ एवं पूर्वोत्तरी कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनमें विभिन्न भारतीय भाषाओं के प्रख्यात लेखक भुचुंग डी. सोनम, मृत्युंजय सिंह, के. श्रीलता, वाई.डी. थोंगछी, के. जयकुमार, रामकुमार मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में अनेक रचनाकारों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।

पुरस्कार अर्पण समारोह की अध्यक्षता आज चुने गए नए अध्यक्ष माधव कौशिक ने की और समापन वक्तव्य नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष कुमुद शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस अर्पण समारोह के मुख्य अतिथि लब्धप्रतिष्ठि अंग्रेजी लेखक एवं विद्वान उपमन्यु चटर्जी थे।

आज के पुरस्कृत रचनाकार थें – मनोज कुमार गोस्वामी (असमिया), तपन बंद्योपाध्याय (बाङ्ला), रश्मि चौधुरी (बोडो), वीणा गुप्ता (डोगरी), अनुराधा रॉय (अंग्रेज़ी), गुलाममोहम्मद शेख (गुजराती), बद्री नारायण (हिंदी), मुडनाकुडु चिन्नास्वामी (कन्नड), फ़ारूक़ फ़याज़ (कश्मीरी), माया अनिल खंरगटे (कोंकणी), अजित आजाद (मैथिली), एम. थॉमस मैथ्यू (मलयाळम्), कोइजम शांतिबाला (मणिपुरी), प्रवीण दशरथ बांदेकर (मराठी), के.बी. नेपाली (नेपाली), गायत्रीबाला पंडा (सुखजीत (पंजाबी), जर्नादन प्रसाद पाण्डेय ‘मणि’ (संस्कृत), काजली सोरेन ‘जगन्नाथ सोरेन’ (संताली), कन्हैयालाल लेखवाणी (सिंधी), एम. राजेंद्रन (तमिऴ), मधुरांतकम नरेंद्र (तेलुगु), अनीस अशफ़ाक़ (उर्दू)। कमल रंगा (राजस्थानी) पुरस्कार ग्रहण करने नहीं आ सके।



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