गुजरात में बोले PM मोदी-विकास और विरासत के बीच टकराव पैदा किया गया


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘आज से ठीक एक महीने पहले 22 जनवरी को मैं अयोध्या में प्रभु राम के चरणों में था। वहां मुझे प्रभु रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होने का सौभाग्य मिला।


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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी गुरुवार को गुजरात दौरे पर पहुंचे। यहां उन्होंने गुजरातवासियों को हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी। अपने गुजरात दौरे पर अहमदाबाद के बाद पीएम मोदी मेहसाणा पहुंचे। यहां उन्होंने रोड शो किया। पीएम मेहसाणा के तरभ में जनसभा में करोड़ों की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेहसाणा के विसनगर तालुक में वलीनाथ धाम मंदिर में पूजा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘आज से ठीक एक महीने पहले 22 जनवरी को मैं अयोध्या में प्रभु राम के चरणों में था। वहां मुझे प्रभु रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होने का सौभाग्य मिला। उसके बाद 14 फरवरी (वसंत पंचमी) को अबु धाबी में खादी देशों के पहले हिंदू मंदिर के लोकार्पण का मुझे अवसर मिला। अभी 2-3 दिन पहले मुझे उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि धाम के शिलान्यास का भी मौका मिला। अब आज मुझे यहां तरभ में इस भव्य, दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूजा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।’

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि ‘भारत की विकास यात्रा में ये एक अद्भुत कालखंड है। ये एक ऐसा समय है, जब देवकाज हो या फिर देश काज, दोनों तेज गति से हो रहे हैं। देवसेवा भी हो रही है और देशसेवा भी हो रही है।’ पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत में आजादी के बाद विकास और विरासत के बीच टकराव पैदा किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि ‘आज मैं इस पवित्र धरती पर एक दिव्य ऊर्जा महसूस कर रहा हूं। ये ऊर्जा हजारों वर्ष से चली आ रही उस आध्यात्मिक चेतना से हमें जोड़ती है, जिसका संबंध भगवान कृष्ण से भी है और महादेव से भी है। सैंकड़ों वर्ष पुराना ये मंदिर आज 21वीं सदी की भव्यता और पुरातन दिव्यता के साथ तैयार हुआ है। ये मंदिर सैंकड़ों शिल्पकारों, श्रमजीवियों के वर्षों के अथक परिश्रम का भी परिणाम है।’

पीएम मोदी ने आगे कहा कि ‘हमारे यहां मंदिर सिर्फ देवालय या पूजा पाठ करने की जगह नहीं, बल्कि ये हमारी हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति और परंपरा के प्रतीक हैं। हमारे यहां मंदिर देश और समाज को अज्ञान से ज्ञान की तरफ ले जाने के माध्यम रहे हैं। आज देश सबका साथ, सबका विकास के मंत्र पर चल रहा है। ये भावना हमारे देश में कैसे रची-बसी है, इसके दर्शन भी हमें वालीनाथ धाम में होते हैं। मोदी की गारंटी का लक्ष्य, समाज के अंतिम पायदान पर खड़े देशवासी का भी जीवन बदलना है। इसलिए एक तरफ देश में देवालय भी बन रहे हैं और करोड़ों गरीबों के पक्के घर भी बन रहे हैं।



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