नई दिल्ली। बांग्लादेश रोज ऐसी हरकतें कर रहा है, जो भारत को नागवार गुजरे। त्रिपुरा में उपउच्चायोग में प्रदर्शन हुए बांग्लादेश ने भारत से दो डिप्लोमैट वापस बुला लिए। इतना ही नहीं, पश्चिम बंगाल बॉर्डर पर चिकेन नेक एरिया के पास टर्किश ड्रोन तैनात कर दिए हैं। ये ड्रोन अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) बायरकतार TB2 हैं और बांग्लादेश ने इसी साल तुर्की से ऐसे 12 ड्रोन खरीदे हैं। नफरत इतनी ज्यादा है कि मुहम्मद यूनुस और नाहिद इस्लाम की जोड़ी ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भाषण अपने यहां चलने पर रोक तक लगा दी है। लेकिन जब लगा कि उनका देश दुनिया से अलग-थलग पड़ता जा रहा है, तो अब ढाका में पश्चिम देशों को रिझाने की तैयारी है। क्या शेख हसीना की सक्रियता देख डर गए मुहम्मद यूनुस?
बांग्लादेश की सरकार चला रहे चीफ एडवाइजर मुहम्मद यूनुस 27 यूरोपियन देशों के राजनयिकों से मुलाकात करने वाले हैं। 9 दिसंबर को ढाका में उनकी मुलाकात होगी। इनमें से 20 राजनयिक तो ऐसे हैं, जो दिल्ली में तैनात हैं, जबकि 7 राजनयिक ढाका में हैं। बैठक का मकसद बांग्लादेश और यूरोपिय देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है। लेकिन इसके पीछे की कहानी कुछ और ही है।
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार का मामला सिर्फ भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां तक कि इंग्लैंड में संसद ने इस पर लंबी बहस भी की और बांग्लादेश सरकार को जमकर फटकार लगाई। वहां के सांसदों ने मुहम्मद यूनुस से हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए तुरंत कदम उठाने की मांग की।
ब्रिटेन की विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी में विदेश मामलों की प्रभारी सांसद प्रीति पटेल ने कहा, हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों से बांग्लादेश में अस्थिरता और असुरक्षा का माहौल है, यह स्थिति मुहम्मद यूनुस के लिए घातक साबित हो सकती है। अमेरिका में सांसद ब्रैड शरमन ने कहा कि बांग्लादेश सरकार की पूरी जिम्मेदारी है कि वह देश में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों की सुरक्षा करें। डोनाल्ड ट्रंप पहले ही बांग्लादेश में अत्याचार का मुद्दा उठा चुके हैं। फ्रांस से लेकर जर्मनी तक सवाल उठ रहे हैं। इससे मुहम्मद यूनुस और उनके साथी नाहिद इस्लाम घबरा गए हैं। इसलिए अब वे यूरोप पर डोरे डालने की तैयारी में हैं।
तख्तापलट के बाद शेख हसीना भारत आईं तो महीनों तक वे चुप्पी साधे रहीं। लेकिन जब बांग्लादेश के हालात खराब होने लगे तो उन्होंने बोलना शुरू किया। दो दिन पहले उन्होंने न्यूयॉर्क में अपनी अवामी लीग पार्टी के एक कार्यक्रम में ऑनलाइन हिस्सा लिया था और वीडियो संदेश के जरिए अपने नेताओं और बांग्लादेश के लोगों को संबोधित किया था।
आठ दिसंबर यानी रविवार को वे फिर लंदन में होने वाले एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली हैं। लेकिन उनके भाषण से यूनुस इतने बौखला गए हैं कि उन्होंने शेख हसीना के भाषण बांग्लादेश में चलाने पर रोक लगा दी है। बांग्लादेश की सरकारी संस्था ‘अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण’ (आईसीटी बांग्लादेश) ने इससे जुड़ा आदेश जारी किया है। यानी अब शेख हसीना कुछ भी कहें, बांग्लादेश के लोग उसे नहीं जान सकते।