पाकिस्तान वापसी के दौरान रो पड़ी ये महिला, 2 महीने पहले CRPF जवान से हुआ था ऑनलाइन निकाह


पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार की ओर से पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। इसी फैसले के चलते कई पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का नोटिस मिल गया है। ऐसे ही एक मामले में पाकिस्तान की रहने वाली मीनल खान की कहानी सामने आई है, जो हाल ही में जम्मू के घरोटा निवासी CRPF जवान मुनीर खान से ऑनलाइन निकाह कर भारत आई थीं।

मीनल खान का कहना है कि उन्हें यह वीजा 9 साल के लंबे इंतजार के बाद मिला था। उन्होंने एलटीवी (लॉन्ग टर्म वीजा) के लिए भी जरूरी प्रक्रिया पूरी की थी, लेकिन सरकार के अचानक लिए गए फैसले से उनका भविष्य अधर में लटक गया है।

भारत सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तान लौटने के दौरान वाघा बॉर्डर पर मीनल खान भावुक हो गईं। उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “हमारा तो कोई कसूर नहीं है ना। हमारा शॉर्ट टर्म वीजा 9 साल बाद लगा है, LTV के लिए भी जैसा बताया गया था, हमने सभी नियमों का पालन किया। अब एकदम से सब कुछ कैंसिल कर दिया गया और कहा गया कि वापस जाना होगा। हमें अपने परिवार के साथ रहने दिया जाना चाहिए।”

मीनल ने पहलगाम हमले की भी कड़ी निंदा की और कहा, “हम निर्दोषों की इस बर्बर हत्या की निंदा करते हैं। दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। लेकिन, उसके कारण दूसरे परिवारों को तकलीफ नहीं होनी चाहिए।”

हालांकि, इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर सुरक्षा में चूक की आशंका भी जताई जा रही है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कैसे एक पाकिस्तानी महिला ने भारतीय अर्धसैनिक बल के जवान से ऑनलाइन निकाह किया और भारत में रह रही थी। कुछ यूजर्स ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से मामले की जांच की मांग की है।

मुनीर खान, जो कि जम्मू के घरोटा क्षेत्र के निवासी हैं, CRPF में कार्यरत हैं। ऐसे में उनकी एक पाक नागरिक से शादी को लेकर सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से भी सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि ऐसे मामलों में गहन जांच और सतर्कता जरूरी है, खासकर तब जब देश में आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही हो।

बता दें कि भारत सरकार ने हाल ही में यह घोषणा की थी कि विशेष श्रेणियों को छोड़कर पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा 27 अप्रैल से रद्द माने जाएंगे और उन्हें 29 अप्रैल तक देश छोड़ना होगा। यह फैसला पहलगाम आतंकी हमले के बाद लिया गया जिसमें 26 निर्दोषों की जान गई।



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