चीनी घुसपैठ को नकारने और अतिक्रमण की बात कबूलने वाले दस्तावेज़ को वेबसाइट से हटाने से तथ्य को बदला नहीं जा सकताः राहुल


राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि, ” चीन के खिलाफ खड़े होने की तो बात छोड़िए, भारत के प्रधानमंत्री के पास उसका नाम लेने तक की हिम्मत नहीं है, चीन ने हमारी सीमा में घुसपैठ की है को नकारने और दस्तावेजों को वेबसाइट से हटाने तथ्य को छुपाया नहीं जा सकता “


मंज़ूर अहमद मंज़ूर अहमद
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नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीनी घुसपैठ की बात स्वीकार करने वाले रक्षा मंत्रालय के दस्तावेज को वेबसाइट से हटाने पर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। 

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि, ” चीन के खिलाफ खड़े होने की तो बात छोड़िए, भारत के प्रधानमंत्री के पास उसका नाम लेने तक की हिम्मत नहीं है, चीन ने हमारी सीमा में घुसपैठ की है को नकारने और दस्तावेजों को वेबसाइट (रक्षा मंत्रालय) से हटाने तथ्य को छुपाया नहीं जा सकता “

रक्षा मामलो के जानकार अजय शुक्ला ने एक ट्वीट कर सरकार के तथ्य झुपाने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, ” रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट @DefenceMinIndia ने चीनी सेना द्वारा गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और पैंगोंग में वास्तविक नियंत्रण रेखा के उल्लंघन की बात मानी है। यह पीएम @narendramodi के 19 जून के इस बयान को झुठलाता है कि न कोई घुसा, न कोई घुसा हुआ है।”

बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर एक डॉक्यूमेंट अपलोड किया था, जिसके मुताबिक, लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना के अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ीं हैं। साइट पर अपलोड किए गए इस डॉक्यूमेंट में मंत्रालय ने स्वीकार किया था कि मई महीने से चीन लगातार वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपना अतिक्रमण बढ़ाता जा रहा है, खासतौर से गलवान घाटी पैंगोंग त्सो गोगरा हॉट स्प्रिंग जैसे क्षेत्रों में।
डॉक्यूमेंट के मुताबिक, चीन ने 17 से 18 मई के बीच लद्दाख में कुंगरांग नाला, गोगरा और पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर अतिक्रमण किया है। इसमें कहा गया है कि 5 मई के बाद से चीन का यह आक्रामक रूप एलएसी पर नजर आ रहा है। 5 और 6 मई को ही पैंगोंग त्सो भारत और चीन की सेना के बीच में झड़प हुई थी। हालांकि  एनडीटीवी के खबर के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने इस दस्तावेज को अभी-अभी अपनी वेबसाइट से हटा लिया है।

चीन उल्टा भारत को ही अपनी जमीन छोड़ने का बना रहा दबाव

दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत-चीन गत कई महीनों से सैन्य वार्ताएं कर रहे हैं। इसके तहत भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच बीते रविवार को 5वें दौर की बातचीत हुई थी, लेकिन यह बातचीत बेनतीजा रही है। वहीं वार्ता के प्राप्त खबरों के अनुसार चीन भारतीय क्षेत्र को छोड़ने के बजाय उल्टा भारत को ही भारतीय जमीन से पीछे हटने को कह रहा है। खबर है कि अब चीन ने उल्टा भारत से पैंगोंग त्सो से पीछे हटने को कहा है। चीन के इस प्रस्ताव को भारत ने ठुकरा दिया है। चीन ने भारत से फिंगर 4 से भी पीछे हटने को कहा है, जबकि भारत फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग किया करता था और भारत फिंगर 8 को LAC मानता है।

फिंगर 4 LAC के इस पार भारत के नियंत्रण वाला क्षेत्र रहा है, लेकिन मई महीने से चीनी सेना फिंगर 4 पर आ चुकी थी बाद में बातचीत के बाद चीनी सेना फिंगर 5 पर चली गई। भारतीय सेना को अब भी चीनी सेना फिंगर 8 तक पेट्रोलिंग करने के लिए आगे नहीं बढ़ने दे रही है।

बता दें कि चीन के अनुरोध पर रविवार को चीनी सेना के अंदर स्थित मोल्डो में 10 घंटे लंबी बैठकहुई थी जो कि बेनतीजा रही। बैठक के बाद इसकी विस्तृत जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को दी गईं। उनकी अध्यक्षता वाले चीन स्टडी ग्रुप ने चीन के प्रस्ताव का अध्ययन करने के बाद सेना ने हॉटलाइन के जरिए चीन को बता दिया कि उसका प्रस्ताव भारत को मंजूर नहीं है।