आराम से टहलते हुए किसी मुद्दे पर सोचना आसान होता है। किंतु जैसे-जैसे आप अपनी रफ्तार तेज करेंगे आपकी सोचने की क्षमता घटती जाएगी। यदि किसी कारण से आपको तेज दौड़ना पड़ा तो…
पिछले 30 वर्षों में जहां तक मैं समझ पाया हूं, पति-पत्नी के जीवन में एक तरफ अनुराग और समर्पण की शीतलता तथा दूसरी ओर अपेक्षा और अधिकारों की उष्मा होती है। इन्हीं दो…
खल्दुन का कहना है कि कोई मानव जनित व्यवस्था या सभ्यता चार चरणों में या चार पीढ़ियों में अपना जीवन पूरा करती है। पहली पीढ़ी व्यवस्था को बनाती है, दूसरी संभालती है, तीसरी…
यदि जीवन में आनंद भरपूर है तो मजे की जरूरत नहीं रहती, लेकिन आनंद के अभाव में केवल मजे से बात नहीं बनती। आनंद के अभाव में जीवन अधूरा और अतृप्त ही रहेगा,…
काशी में तीर्थयात्रा की हजारों साल पुरानी परंपरा है। यहां सौ से अधिक प्रकार की तीर्थ यात्राएं होती हैं। लेकिन अधिकतर तीर्थयात्रियों का सरोकार यात्रा के धार्मिक पक्ष से ही होता है। तीर्थस्थलों…
22 से 23 मार्च के बीच संजय जी ने बोधगया में निरंजना-फल्गू पर्व का आयोजन किया था। इसमें बोधगया के बौद्ध मठों के साथ-साथ वहां का प्रबुद्ध समाज मेजबान की भूमिका में था।
ट्रेन जब चली तो मुझे पता चला कि अब मेरा फोन मेरे पास नहीं है। तुरंत मुझे कोतवाल की याद आई, लेकिन दिल्ली के नहीं, काशी के कोतवाल की।
लोकोत्सव के आयोजन में महाराष्ट्र सरकार ने भी पूरे मनोयोग से साथ दिया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इस आयोजन में व्यक्तिगत रुचि ली। सड़क, बिजली, पानी, कानून व्यवस्था के…
कनेरी गांव में श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ की ओर से जो पंचमहाभूत लोकोत्सव आयोजित हो रहा है, वह महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोआ की एक बड़ी घटना है।
कोल्हापुर पहुंचकर जब मैंने अपने फ्लैट का दरवाजा खोला तो उसी सुख की अनुभूति हुई जो लंबी यात्रा के बाद अपने घर पहुंचने पर होती है। सच कहूं तो मेरे अब तीन घर…
आज भावनाओं को आधार बनाकर जो देवासुर संग्राम चल रहा है, उसमें आसुरी ताकतें मीडिया रूपी रथ पर सवार हैं जबकि देव पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे तमाम लोग इससे वंचित दिखाई देते…
पंचमहाभूत लोकोत्सव का आयोजन जिस विशाल पैमाने पर हो रहा है, वह उल्लेखनीय है। 20 से 26 फरवरी के बीच इस आयोजन में एक अनुमान के अनुसार 30 लाख लोग आने वाले हैं।
मंगोल संस्कृति में नदी और तालाब को किसी भी तरीके से दूषित करना अपराध था और इसकी सजा मौत थी। कपड़ा धोना तो दूर की बात है, मंगोलों के लिए नदी में नहाना…
किताबों की बात चल रही है तो हमें यह भी मालूम होना चाहिए कि देशी-विदेशी सभी किताबें हमारे ज्ञान के साथ-साथ ‘अज्ञान’ के ज्ञान को भी बढ़ाती हैं। इनकी मदद से हम जान…
2018 में मैने अपने शरीर पर जो ढेर सारे प्रयोग किए, उसके पीछे दो किताबों की भी बड़ी भूमिका रही। पहली किताब का नाम है- ऐन्टी फ्रैजाइल। इसका लेखक नसीम निकोलस तालिब कहता…
कहने का मतलब यह कि अगले दो वर्षों में हमें विचार और सूचनाओं का परागण करते हुए संसाधन रूपी मधु इकट्ठी करनी है। इसके लिए हमें तिरहुतीपुर से बाहर निकलना होगा। इन दो…
पिछले दो साल से मैं मीडिया छोड़ सभी अन्य 8 आयामों में शागिर्द बन कर सीख रहा हूं। मीडिया में मैं अपना दर्जा उस्ताद का मानता हूं। लेकिन अप्रैल में मेरा प्रमोशन हो…
आज जरूरत इस बात की है कि हमारे स्कूल, कालेज और बड़े-बड़े तकनीकी संस्थान अपने विद्यार्थियों में जुगाड़ की प्रवृत्ति जगाएं। जब तक किसी विद्यार्थी में जुगाड़ की प्रवृत्ति नहीं जगेगी तब तक…
इसी 15 अगस्त को भारत को आजाद हुए 75 साल हो जाएंगे लेकिन क्या वाकई हम मानसिक रूप से आजाद हो पाए हैं, यह सोचने की बात है।
जैविक विकास के क्रम में मनुष्य वर्तमान के पार जाकर भविष्य के बारे में सोचना सीख गया है, लेकिन अभी भी वह इस कार्य में सहज नहीं है। जब वह दूर की सोचता…
4 जुलाई को हमें प्राकृतिक कृषि का सफल प्रकल्प देखने के लिए तुमकुर जिले में स्थित गाँधीयन स्कूल ऑफ नेचुरल फार्मिंग ले जाया गया। वहां से लौटते हुए हमने बेंगलुरु का प्रसिद्ध इस्कान…
शहर का सीधा मतलब है उपभोग की अधिकता। वहीं गांव का मतलब है उपभोग की न्यूनता। यह न्यूनता जब संस्कृति और संयम से आए तो अच्छा और वही जब अभाव में आए तो…
अतीत में भारत सहित दुनिया भर की सभ्यताओं में भवन को इस प्रकार बनाया जाता था कि वह गर्मी में ठंडा और ठंडी में गर्म रहे। हमारे गांवों में मिट्टी के घर यह…
अतीत में जिस तरह मैं दिल्ली में लोगों से आए दिन मिल लिया करता था, वह अब संभव नहीं था क्योंकि भविष्य में मेरा अधिकतर समय दिल्ली नहीं बल्कि तिरहुतीपुर में बीतेगा। इसलिए…
बहुत पहले कभी द्रोणाचार्य ने भी इसी तरह का प्रयोग किया था जब उन्होंने धनुष बाण देकर अपने शिष्यों को चिड़िया की आंख भेदने के लिए कहा था। लक्ष्य भेदन के समय अर्जुन…