रामरेखा की सफलता से प्रेरित होकर अब वे निरंजना (फल्गू) नदी को सदानीरा बनाने के काम में लगे हुए हैं। बता दें कि निरंजना (फल्गू) वही नदी है जिसके किनारे भगवान बुद्ध को…
ग्रामयुग और मिशन तिरहुतीपुर एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। एक राष्ट्रीय स्तर पर चलने वाली वैचारिक मुहिम है जबकि दूसरी स्थानीय स्तर पर लागू की जा रही ठोस कार्य योजना है।…
गांव में रहते हुए स्वयं को होम कर दूं या बाहर जाकर और ताकत जुटाऊं, इस बारे में अंतिम निर्णय लेने के पहले मैंने इतिहास की एक और घटना पर मनन किया। यह…
अंग्रेजी कैलेन्डर के अनुसार दशहरा की तारीख हर वर्ष बदलती रहती है। लेकिन हम इसकी परवाह नहीं करते। अंग्रेजी तिथि कुछ भी हो, हमने तय किया है कि हम प्रत्येक विजयदशमी को ही…
जून, 2021 की शुरुआत में मिशन तिरहुतीपुर का डेढ़ एकड़ का मैदान लगभग उजाड़ पड़ा हुआ था। उसमें न तो कोई बाऊंड्री थी और न ही कोई छत। बरसात के मौसम में वहां…
द्यूत क्रीड़ा के बाद जब पांडवों को वनवास मिला तो भविष्य में युद्ध को अवश्यंभावी मानकर अर्जुन ने विभिन्न प्रकार के दिव्यास्त्रों की प्राप्ति के लिए प्रयास शुरू कर दिया था। इसी सिलसिले…
शिक्षा के क्षेत्र में देश-विदेश में जो भी अच्छे प्रयोग हुए हैं, उन्हें जानने-समझने में मेरी बहुत रुचि है। अगर मौका मिले तो मैं उन्हें देखने भी जाता हूं। मेरी ऐसी ही एक…
मिशन तिरहुतीपुर की गतिविधियों के कुल 9 आयाम हैं- मीडिया, इवेंट्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर, संगठन, शिक्षा, कृषि, गैर कृषि उत्पादन, व्यापार और सेवाक्षेत्र।
जनवरी 2015 में भारत विकास संगम का चौथा महासम्मेलन यहां के सुप्रसिद्ध कनेरी मठ में आयोजित होने वाला था। मठ के बारे में एक किताब लिखने के उद्देश्य से मैं एक महीना पहले…
गीता का फलक बहुत बड़ा है। उसमें भ्रम, अनिश्चय और अज्ञान के अंधकार से बाहर निकलने के सारे सूत्र दिए गए हैं।
‘फॉग आफ वार’ प्रत्येक युद्ध में घटित होता है। चाहे कोई कितना भी कुशल सेनापति हो, वह ‘फॉग आफ वार’ से नहीं बच सकता। जब लड़ाई शुरू होती है तो कुछ समय के…
कानपुर में सबसे पहले हमें एक फार्म पर पहुंचना था। हमारे मित्र सुरेश अग्निहोत्री ने बताया था कि ठीक गंगाजी के किनारे लगभग 20 एकड़ में फैला वह फार्म किसी तपोस्थली से कम…
मेरी दृष्टि में हिंदू धर्म एक पुराना महल है, जिसका प्रांगण बहुत विशाल है, उसकी नींव गहरी है, दीवारें मजबूत हैं और छत भी अच्छी हालत में है। हां इसके प्लास्टर कई जगह…
जब मैं मिशन तिरहुतीपुर का काम करने के लिए दिल्ली से चला तो बचत के नाम पर मेरे पास कुछ नहीं था। जो मुझे ‘पहचानते’ हैं, वे इस बात को जानते थे, लेकिन…
अपनी ‘पहचान’ बनाने के साथ-साथ मुझे गांव के साफ्टवेयर पर भी काम करना था, अर्थात लोगों की मानसिकता में आवश्यक बदलाव करना था। यही मेरा मुख्य काम था। इसीलिए मैं गांव आया था।…
गांव के हार्डवेयर पर काम जरूरी है, उसके महत्व को हम भी स्वीकार करते हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकता में गांव का हार्डवेयर नहीं बल्कि साफ्टवेयर था। यहां साफ्टवेयर से हमारा तात्पर्य उस मानसिकता…