कोरोना मुतअल्लिक जो भी आँकड़े सामने हैं, उन पर मुझे संदेह है। जो अस्पताल नहीं गये, किंवा जाँच बग़ैर घरों में ही ठीक हो गये, या फिर मर गये, उनको कुछ देर के लिये भूल जाएँ। अस्पतालों के…
भारत में तो मास्क की परिभाषा बक़ायदा बदली गयी। रुमाल, गमछा, दुपट्टा, साड़ी का पल्ला तक ’मेडिकल मास्क’ समतुल्य हो गया। घर-घर पर मास्क बनने लगे। मुफ़्त मास्क बाँटने वालों की तस्वीरें शाए…
यह क़िस्सा है दो हज़ार बीस के उतरते अप्रैल का। बोले तो तब का, जब कोरोना अपने नापाक पंजे भारत में फैला चुका था। ख़बरकाग़ज़, टीवी पर नज़र पड़ते के साथ हिया में…