बिहार में मंत्री-विधायकों के विरोध का सिलसिला


जदयू नेता व मंत्री महेश्वर हजारी को उनके चुनाव क्षेत्र कल्याणपुर के पुसा में प्रदर्शनकारियों ने बोलने से रोक दिया। ग्रामीण उनसे पूछ रहे थे कि उन्होंने कौन-कौन से विकास कार्य कराए। जब वे जबाब नहीं दे सके तो लोगों ने नारे लगाते हुए उन्हें गांव छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।


अमरनाथ झा
बिहार चुनाव 2020 Updated On :

पटना। चुनाव प्रचार के जोर पकड़ने के साथ ही एनडीए नेताओं के प्रति लोगों की नाराजगी प्रकट होने लगी है। पिछले कुछ दिनों में कई नेताओं को इसका सामना करना पड़ा है। इनमें केन्द्रीय मंत्री, राज्य के मंत्री. विधायक और दूसरे नेता शामिल हैं। स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभा में भी हल्ला-हंगामा और नारेबाजी होने की घटनाएं हो रही है। छपरा जिले की परसा क्षेत्र की सभा में तो बकायदा लालू यादव जिंदाबाद के नारे लगे।

केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय को हाजीपुर विधानसभा क्षेत्र में वापस जाओ के नारे का सामना करना पड़ा। नौजवानों ने साफ कहा कि हम भाजपा को वोट नहीं देने वाले क्योंकि उसने बेरोजगारी को बढ़ाया है। पुलिस के अनुसार,सेंदुआरी हाई स्कूल परिसर में हुई सभा में लोगों ने भाजपा के पिछले वायदों के पूरा होने पर अपनी नाराजगी जताई। भाजपा नेताओं ने भीड़ को शांत करने और संभालने की कोशिश की, पर वे ऐसा करने में सफल नहीं हो सके। आखिरकार केन्द्रीय मंत्री को सभा छोड़कर जाना पड़ा। हालांकि भाजपा प्रदेश मुख्यालय ने कहा कि विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल के कुछ कार्यकर्ता और समर्थकों ने हंगामा किया।

भाजपा नेता व राज्य के श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा को अपने चुनाव क्षेत्र लखीसराय के पाटनेर गांव में गांववालों के विरोध का सामना करना पड़ा। मंगलवार की शाम लोगों ने सड़कों की खराब स्थिति का जिक्र करते हुए उनका विरोध कर रहे थे। उन्हें प्रचार छोड़कर वापस लौटना पड़ा। ग्रामीण नारे लगा रहे थे -सड़क नहीं, वोट नहीं। वापस जाओ,वापस जाओ। यह दूसरी घटना थी जब उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा।

एक दिन पहले तरहरी गांव में भी विरोध झेलना पड़ा था। पिछले महीने लखीसराय के पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय में आकर विजय सिहा को टिकट देने का विरोध किया था और कहा था कि वे बेहद अलोकप्रिय हो गए हैं। इसे लोकर नारेबाजी और तोड़फोड़ भी हुई थी। पर पार्टी नेताओं ने इन बातों पर ध्यान नहीं दिया।

जदयू नेता व मंत्री महेश्वर हजारी को उनके चुनाव क्षेत्र कल्याणपुर के पुसा में प्रदर्शनकारियों ने बोलने से रोक दिया। ग्रामीण उनसे पूछ रहे थे कि उन्होंने कौन-कौन से विकास कार्य कराए। जब वे जबाब नहीं दे सके तो लोगों ने नारे लगाते हुए उन्हें गांव छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। इस घटना की विडियो क्लीप वायरल हो गई है। करीब दो सप्ताह पहले जदयू नेता व शिक्षा मंत्री कृष्णा नंदन वर्मा को जहानाबाद चुनाव क्षेत्र के लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। उन्होंने इसबार अपना चुनाव क्षेत्र बदलकर इसबार जहानाबाद से उम्मीदवार बने हैं।

जानकारी के अनुसार दर्जन भर सांसदों, विधायकों को चुनाव-प्रचार के दौरान लोगों की नाराजगी झेलना पड़ा है। भयानक बेरोजगारी, विकासकार्यों का न होना और पिछले वायदों का पूरा नहीं होना इसका कारण है। सितंबर में भाजपा नेता व कृषि मंत्री प्रेम कुमार को औरगाबाद के गोह क्षेत्र में लोगों ने जबरदस्त विरोध किया। उनका कहना था कि सड़क नहीं, वोट नहीं। बाद में मंत्री महोदय ने इसके लिए राजद को जिम्मेवार ठहराया। कहा कि उनपर राजद कार्यकर्ताओं ने हमला किया औऱ सभा नहीं करने दिया। प्रदर्शनकारियों ने जदयू नेता व ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेष कुमार को उनके चुनाव क्षेत्र जमालपुर के इंदरुक गांव में विरोध झेलना पड़ा। उन्हें सभा छोड़कर जाना पड़ा।

दिलचस्प यह है कि भाजपा नेता व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने हाल में दावा किया है कि सरकार ने सभी गवों को बेहतरीन सड़कों से जोड़ दिया है, इसलिए बिहार में सडक कोई मुद्दा नहीं रहा। एक जदयू नेता ने स्वीकार किया कि सत्ताविरोधी लहर जगह-बेजगह दिख रही है । नीतीश कुमार 2005 से लगातार मुख्यमंत्री हैं,इसलिए यह स्वाभाविक भी है। एक भाजपा नेता ने भी स्वीकार किया कि इससे इनकार करने का कोई मतलब नहीं है। हमे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी की सभाओं से स्थिति सुधर जाएगी। प्रधानमंत्री 12 सभाओं को संबोधित करने वाले हैं।

बेरोजगारी का चुनावी मुद्दा बन जाने से एनडीए के सामने अच्छी खासी परेशानी उत्पन्न हो गई है। सेंटर फार मोनिटरिंग इंडियान इकोनॉमी के एक ताजा सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में बेरोजगारी हाल के वर्षों में काफी बढ़ी है। कोरोना संकट के दौरान देशबंदी की वजह से कम से कम 21 लाख कामगर दूसरे राज्यों से लौटे हैं। उन सभी के बोरोजगारों की फौज में शामिल होने से संकट अधिक है। बेरोजगारी के संकट को समझते हुए राजद, कांग्रेस व वामदलों के गठबंधन ने इसे मजबूती से उठाना शुरु कर दिया है।