पटना। ‘परखा है जिसको, चुनेंगे उसी को’-जदयू के ताजा प्रचार गीत का मुखड़ा है। एक साथ दो गीत जारी हुए हैं जिसमें दूसरे का मुखड़ा है कि आवो बताएं एक कहानी, अपने राज्य बिहार की। इन्हें जदयू के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने जारी किया। इन गीतों के माध्यम से पिछले पंद्रह वर्षों के नीतीश राज के दौरान हुए कार्यों -उपलब्धियों को आम लोगों तक पहुंचाने का प्रयास हुआ है।
इसके जबाब में राजद ने अपना अगला प्रचार गीत जारी किया। पार्टी ने अपने चुनाव अभियान को तेजस्वी भव: बिहार-टैग लाइन दिया है। प्रचार अभियान के केंन्द्र में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार घोषित तेजस्वी यादव को रखा गया है। नए प्रचार गीत में तेजस्वी को बिहार की माटी के लाल और जनता के सच्चे सेवक के रुप में पेश किया गया है।
अभिनेता मनोज वाजपेयी के भोजपुरी रैप-बंबई में का बा- के तर्ज पर बने बिहार में का बा और इसके जवाब में भाजपा की ओर से प्रस्तुत बिहार में ई बा- की सफलता के बाद प्रचार गीतों का नया दौर आरंभ हुआ है। इसमें तरह-तरह के रंग दिख रहे हैं। उम्मीदवारों के अभियान में कहीं भोजपुरी गीत मिलते हैं तो कहीं मैथिली, मगही या अंगिका। हमरा देहू मौका, हम हर वादा पूरा करबै….। बहुत हो गेलै अब, इ बार उखाड़ फेकबै उ सत्ता के जै जवान लोग के धोखा देलकै….जब पटना के सडक पर पड़ रहले विपत्ति के मार, विधायक साहेब रहथिन फरार…। यह इस अभियान का कूछ नमूना है।
कोरोना के फेर में उम्मीदवार घर-घर भले न जाए पर सोशल मीडिया के माध्यम से उनकी आवाज दूर-दूर तक पहुंच रही है। अधिकतर आडियो-विडियो दो-तीन मिनट के हैं। इनमें सामने उम्मीदवार का चेहरा और पीछे संगीत की आवाज है। आडियो-विडियो के अलावा पोस्टरों पर भी जोर है।
नीतीश कुमार के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं जिन पर तरक्की दिखती है, नीतीश सबके हैं, और परखा जिसको, चुनेंगे उसी को- आदि नारे लिखे हैं। जदयू के एक नेता ने कहा कि हम हर दस-पंद्रह दिन पर अलग-अलग पोस्टर जारी करते रहेंगे। इनमें बिहार में हुई तरक्की का उल्लेख किया जाएगा। जैसे-बेटियों की सुरक्षा और सम्मान, यही तो था बापू का अरमान। इसतरह के अनेक पोस्टर जारी हो चुके हैं और आने वाले दिनों में जारी होने वाले हैं।