पटना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार तेजस्वी यादव को जंगलराज का युवराज कहने की गहरी प्रतिक्रिया हुई है। तेजस्वी ने तो इतना ही कहा है कि वे प्रधानमंत्री हैं जो चाहे कह सकते हैं। पर वे अगर निजी हमले करने के बजाए भूख और बेरोजगारी पर बोलते तो अच्छा होता।
तेजस्वी ने कहा कि भाजपा आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। चुनाव के दौरान प्रचार के लिए वह 30 हैलिकोप्टरों का इस्तेमाल कर रही है। उस पार्टी के प्रधानमंत्री इसतरह से बोल रहे हैं तो इसपर क्या कहा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने मुजफ्फरपुर और पटना की सभाओं में लालू-राज के दिनों में बिहार में चले लूट-अपहरण की याद दिलाते हुए कहा था कि उस जंगल राज के युवराज से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि दस लाख सरकारी नौकरियों के सपने को भूल जाइए, उनका राज आने पर निजी कंपनियां भी बिहार से भाग जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी 26 अक्टूबर की एक सभा में लालू-राबड़ी के आठ-नौ बच्चे होने पर टिप्पणी की थी। इसपर तेजस्वी ने कहा कि नीतीश शायद प्रधानमंत्री पर निशाना साध रहे थे जिनके छह भाई-बहन हैं।
तेजस्वी ने यह भी कहा कि पहले चरण के बाद मिली जानकारियों के अनुसार राजद इन चुनाव में एकतरफा जीत हासिल करने जा रही है। उन्होंने कहा कि जाति, वर्ग और धर्म के बंधनों से उपर उठकर लोगों ने बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट दिया है। शायद इन खबरों पर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बौखला गए हैं।