पक्ष-विपक्ष में सीटों का बंटवारा अधर में, पार्टी कार्यालयों पर टिकटार्थियों की कतार

अमरनाथ झा
बिहार चुनाव 2020 Updated On :

पटना। बिहार में पक्ष और विपक्ष दोनों गठबंधनों में सीटों का बंटवारा अभी हुआ नहीं है, पर पार्टी कार्यालयों पर टिकटार्थियों की कतार लगी है। मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार स्वयं पार्टी कार्यालय में बैठ रहे हैं और टिकटार्थियों से बातचीत कर रहे हैं, उनके बायोडाटा बटोर रहे हैं। संभावित उम्मीदवार को चुन लेने से सीटों के बंटवारे में भी फैसला करने में सुविधा होगी।

दोनों गठबंधनों में एक जैसी हालत है। दोनों गठबंधनों में कड़ा मोलतोल चल रहा है। कभी किसी पार्टी के गठबंधन से निकल जाने की खबर आ रही है तो कभी उनके बीच बात बन जाने की स्थिति बन रही है।

एनडीए में लोजपा के चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू के प्रति मुलायम होने को तैयार नहीं। पसंद की सीटें नहीं मिलने पर 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार देने का ऐलान कर चुके हैं। चिराग की आंखे उन 43 सीटों पर टिकी हैं जहां से उनकी पार्टी 2015 चुनाव में लड़ी थी, तब जदयू का लालू की राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन था। पर एनडीए ने उन्हें 27 सीटें देने का प्रस्ताव दिया है। उधर महागठबंधन में उपेन्द्र कुशवाहा बिदके हुए हैं। उनके महागठबंधन से निकल जाने की पूरी संभावना बन गई है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार सातवें दिन सोमवार को भी पार्टी कार्यालय गए, घंटों बैठे रहे और प्रमुख नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से बात की। विधानसभा क्षेत्रवार पार्टी की तैयारियों की चर्चा की। जदयू में एक अनार-सौ बीमार जैसी हालत है। पार्टी टिकट के अभ्यार्थियों की सूची काफी लंबी है। एक-एक सीट पर कई-कई दावेदार हैं। कुछ दावे तो उन सीटों के लिए भी आए हैं जहां से सीटिंग विधायक जदयू के ही हैं। तीन हजार से अधिक दावेदारों के आवेदन इकट्ठा हो गए हैं। टिकट के लिए सबसे अधिक मारामारी वहीं है।

पार्टी ने चुनाव लड़ने के अभिलाषी लोगों से बायोडाटा के साथ आवेदन मांगा है। पहले आवेदन आंनलाइन मांगे गए थे। अगस्त से ही आवेदन आ रहे हैं। इसकी अंतिम तारीख 5 सितंबर थी। कई आवेदकों ने मुख्यमंत्री आवास पर जाकर आवेदन जमा कराए हैं। राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के पास भी आवेदन जमा कराए गए हैं। इन सभी आवेदनों की कंप्यूटन इंट्री हो रही है। कुछ लोगों ने कई सीटों के लिए दावा किया है, इसलिए इंट्री में कुछ विलंब हुआ। अब इसे शीर्ष नेताओं के पास विचारार्थ भेज दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि बीते 2015 के चुनाव में जदयू के 71 उम्मीदवार जीते थे। इनमें श्याम रजक पार्टी छोड़कर राजद में चले गए, बाकी 70 के फिर इसबार चुनाव मैदान में उतरने के आसार हैं। उधर राजद छोड़कर सात विधायक जदयू में आए हैं। उन्हें भी टिकट मिलना तय सा है। ऐसे में मुश्किल से 30-35 नए लोगों को पार्टी टिकट मिल सकेगा।

भाजपा कार्यालय में भी टिकटार्थियों की कतार लगी है। हालांकि पार्टी टिकट का फैसला यहां नहीं, दिल्ली में होना है। पर यह प्रदेश चुनाव समिति की सिफारिश के आधार पर ही होना है। इसलिए टिकटार्थियों का समर्थकों के साथ प्रदेश कार्यालय पर जमावड़ा करना जारी है। इसी लखीसराय के एक टिकटार्थियों ने प्रदेश कार्यालय पर जमकर हंगामा किया। लोजपा में सारा फैसला दिल्ली में होना है, फिरभी टिकटार्थी प्रदेश कार्यालय पर जम रहे हैं। हालांकि पार्टी की संभावित सीटें तय नहीं होने से असमंजस की हालत है।

महागठबंधन में भी सीटों का बंटवारा अभी नहीं हो सका है, लेकिन विभिन्न पार्टी कार्यालयों पर टिकटार्थियों की भीड़ आ रही है। राजद के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह रोजाना बैठ रहे हैं। तेजस्वी यादव भी आते-जाते रहते हैं। पर असली बात है कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर लड़ेगी, यह अभी तय नहीं है, इसलिए गहमा-गहमी अधिक है। सभी सीटों के बंटवारे की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।