दलितों-पिछड़ों के “हमदर्द” चुनाव के पहले क्यों बदल रहे हैं पाला

अमरनाथ झा
बिहार चुनाव 2020 Updated On :

बिहार में चुनावों की आहट आते ही राजनीतिक दलों में पाला-बदल का दौर शुरु हो गया है। नीतीश सरकार में उद्योग मंत्री श्याम रजक के राजद में जाने के साथ इसकी शुरुआत हुई है। फिर राजद के तीन विधायक जदयू में गए। अब रोजाना पाला-बदल के समाचार मिल रहे हैं। इस आने-जाने से वाम दलों को छोड़कर सभी पार्टियां प्रभावित हैं। एकतरफ पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का राजद गठबंधन छोड़कर जदयू-भाजपा गठबंधन की ओर जाने की चर्चा है तो एनडीए की घटक लोजपा नेता चिराग पासवान की स्थिति लगातार भ्रम पैदा करने वाली हैं। पाला बदल के इस दौर में भाजपा छोड़कर नीचले स्तर के कार्यकर्ताओं का राजद की ओर जाने की खबरें भी हैं जो चौंकाती है।

पटना जिले के ग्रामीण क्षेत्र फुलवारी शरीफ से लगातार विधायक रहे श्याम रजक पहले राजद में ही थे और लालू यादव के काफी करीब माने जाते थे। तब लालू के आसपास राम-श्याम की बड़ी चलती थी। राम अर्थात राम कृपाल यादव पहले ही राजद छोड़कर भाजपा में चले गए और अभी पटना से लोकसभा सदस्य हैं और श्याम ने 2009 में राजद छोड़कर जदयू का हाथ थाम लिया था। 2010 का चुनाव जीतने के बाद मंत्री भी बने। पिछले 2015 के चुनावों राजद और जदयू में चुनावी गठबंधन था, परन्तु लालू और राबड़ी सरकारों में लगातार मंत्री रहे श्याम रजक को इसबार मंत्री बनने में काफी इंतजार करना पड़ा था। उनके अनुसार मंत्री बनने के बाद भी जदयू में लगातार उपेक्षा झेलना पड़ा।

कुछ महीना पहले उन्होंने दलित आदिवासी विधायकों का सर्वदलीय मोर्चा बनाया और उसके मंच से गाहे-बेगाहे सरकार पर हमलावर भी होने लगे थे। इसलिए उनके जदयू छोड़ने के कयास लगाए जाने लगे थे। जिस दिन उनके सरकार और पार्टी से इस्तीफा देने की बाद थी, उसी दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया औऱ पार्टी ने छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। अगले दिन उन्होंने राजद की सदस्यता ले ली।

इसके बाद राजद से जदयू में गए तीन विधायकों का किस्सा भी कुछ ऐसा ही है। तीनों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में राजद से निलंबित किया गया, अगले दिन वे जदयू के सदस्य हो गए। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री एमए फातमी के पुत्र फराज फातमी दरभंगा जिले के केवटी से विधायक हैं। एमए फातमी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवारी नहीं मिलने पर उन्हीं दिनों राजद छोड़ दिया था, बाद में जदयू के सदस्य हो गए थे। महेश्वर प्रसाद यादव मुजफ्फरपुर जेले के गायघाट से और प्रेमे चौधरी उसी जिले के पातेपुर से विधायक हैं। राजद में महासचिव आलोक मेहता ने कहा कि इन तीनों को पार्टी से बर्खास्त करने का फैसला पार्टी अध्यक्ष लालू यादव का है। उल्लेखनीय है कि फातमी और महेश्वर यादव पिछले कुछ महीनों से पार्टी नेतृत्व खासकर तेजस्वी यादव के खिलाफ मुखर थे।

इस सबसे अलग राजद नेता तेजस्वी यादव के आवास पर भाजपा नेता मदन गुप्ता का राजद में शामिल होने की खबर है। राजद व्यावसायिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रणविजय साहू ने बताया कि मदन गुप्ता भाजपा के अति पिछडा मोर्चा रक्सौल जिला अध्यक्ष थे। साहू ने दावा किया कि भाजपा के जिला और प्रखंड स्तर के कई नेताओं का राजद से संपर्क बना हुआ है और निकट भविष्य में उनके राजद में आने की खबर मिलेगी।