कानपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुधवार को दो बड़ी कामयाबियां हासिल करते हुए कानपुर के बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के करीबी साथी को मुठभेड़ में मार गिराया तथा उसके एक अन्य गुर्गे को गिरफ्तार कर लिया।
एसटीएफ के महानिरीक्षक अमिताभ यश ने बताया कि विकास दुबे का करीबी साथी और रिश्तेदार अमर दुबे हमीरपुर जिले के मौदहा इलाके में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया। अधिकारी ने बताया कि उस पर ₹25000 का इनाम घोषित था।
हमीरपुर के पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने इस मुठभेड़ के बारे में बताया, ‘‘मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने अमर को घेर लिया। इस दौरान उसने पुलिस पर गोलियां चलायी, जिसमें मौदहा के इंस्पेक्टर और एसटीएफ के एक कॉन्स्टेबल घायल हो गए, जवाबी कार्रवाई में अमर को गोलियां लगी और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।’’
उन्होंने बताया कि पुलिस को मौके से एक स्वचालित हथियार और एक बैग मिला है विकास दुबे गैंग का तीसरा सदस्य है जो मुठभेड़ में मारा गया है। इससे पहले उसके साथी प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे पिछले शुक्रवार को वारदात के बाद मुठभेड़ में मारे गए थे। इसी बीच, एक अन्य घटनाक्रम में कानपुर के चौबेपुर इलाके में विकास दुबे का सहयोगी श्यामू बाजपेई पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
विकास दुबे गैंग का तीसरा सदस्य है जो मुठभेड़ में मारा गया है। इससे पहले उसके साथी प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे पिछले शुक्रवार को वारदात के बाद मुठभेड़ में मारे गए थे। इसी बीच, एक अन्य घटनाक्रम में कानपुर के चौबेपुर इलाके में विकास दुबे का सहयोगी श्यामू बाजपेई पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
चौबेपुर के थानाध्यक्ष केएम राय ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान बाजपेई के पैर में गोली लगी है। उस पर 25000 रुपये का इनाम घोषित था। सूत्रों के मुताबिक अमर दुबे विकास की हिफाजती दस्ते में शामिल था और वह हर वक्त विकास के साथ रहता था जबकि श्यामू बाजपेई विकास का करीबी सहयोगी था।
एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश ने बताया, ‘‘बिकरू हत्याकांड मामले में नामजद सभी अभियुक्तों की तलाश की जा रही है। जब भी हमें उनके बारे में कोई सूचना मिलती है, हम स्थानीय पुलिस की मदद लेते हैं। हम वारदात के बाद पुलिस से छीने गए हथियारों की भी तलाश कर रहे हैं। साथ ही उन शस्त्रों के बारे में भी पता लगा रहे हैं जिनका इस्तेमाल पुलिस पर हमला करने में किया गया था।’’
विकास को गिरफ्तार करने में हो रही देर के बारे में पूछे जाने पर पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि वह बहुत शातिर अपराधी है और अक्सर छुपा रहता है लिहाजा उसे पकड़ने में समय लग रहा है, लेकिन हम उसे निश्चित रूप से पकड़ेंगे। हमें कामयाबी मिलनी शुरू हो चुकी है। विकास दुबे गत दो-तीन जुलाई की मध्यरात्रि को कानपुर के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या किए जाने का मुख्य अभियुक्त है। उस पर ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित है। वह अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
इसके पूर्व, मंगलवार रात कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु ने बिकरु गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद सवालों के घेरे में आए चौबेपुर थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। उधर, एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में सरकार ने गैंगस्टर विकास दुबे के प्रति नरमी दिखाने के आरोपों से घिरे कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव तिवारी को भी एसटीएफ के उपमहानिरीक्षक पद से हटा दिया है ।
विकास को गिरफ्तार करने में हो रही देर के बारे में पूछे जाने पर पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि वह बहुत शातिर अपराधी है और अक्सर छुपा रहता है लिहाजा उसे पकड़ने में समय लग रहा है, लेकिन हम उसे निश्चित रूप से पकड़ेंगे। हमें कामयाबी मिलनी शुरू हो चुकी है।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि चौबेपुर थाने में तैनात कई उप निरीक्षकों, प्रधान आरक्षियों और सिपाहियों समेत 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि बिकरू कांड के बाद उनकी कर्तव्यनिष्ठा संदेह के घेरे में आ गई थी।
उन्होंने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे को बचाने में चौबेपुर थाने के इंस्पेक्टर विनय तिवारी तथा अन्य पुलिसकर्मियों की संलिप्तता के आरोप लगने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए थे। शुरुआती जांच में यह पाया गया कि थाने में तैनात कई पुलिस उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल हिस्ट्रीशीटर दुबे के लिए मुखबिरी कर रहे थे।
प्रवक्ता ने बताया कि थाने में तैनात सभी 68 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है और उनके खिलाफ विस्तृत जांच की जा रही है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इसके पूर्व, राज्य सरकार ने गैंगस्टर विकास दुबे के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने की तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा के कथित शिकायती पत्र को नजरअंदाज करने के आरोपों का सामना कर रहे कानपुर के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव तिवारी को मंगलवार रात एसटीएफ के उपमहानिरीक्षक पद से हटा दिया। सरकार द्वारा जारी बयान के मुताबिक तिवारी को पीएसी मुरादाबाद में स्थानांतरित कर दिया गया है।
तिवारी उस वक्त कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक थे, जब बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने उन्हें चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी और गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी रिश्तों का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए कथित रूप से पत्र लिखा था। तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने इस पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की। हालांकि पुलिस का कहना है कि इस पत्र का कहीं कोई रिकॉर्ड नहीं है।
अनंत देव तिवारी ने कहा था कि बिकरू कांड में मारे गए बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा द्वारा 14 मार्च को लिखे गए कथित पत्र में किए गए हस्ताक्षर मिश्रा के दस्तखत से मेल नहीं खाते। साथ ही उसमें ना कोई तारीख है और ना ही कोई सीरियल नंबर।
बहरहाल, सरकार ने पत्र को लेकर उठे विवाद की जांच लखनऊ जोन की पुलिस महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह को सौंपी है। उन्होंने तफ्तीश शुरू भी कर दी है। इसके पूर्व, पुलिस ने बिकरू कांड मामले में विकास की एक करीबी रिश्तेदार क्षमा, विकास के पड़ोसी सुरेश वर्मा और नौकरानी रेखा को गिरफ्तार कर लिया। रेखा गत रविवार को गिरफ्तार किए गए विकास के गुर्गे दयाशंकर अग्निहोत्री की पत्नी है।
इसके अलावा पुलिस ने बिकरु कांड में आरोपी 15 लोगों की तस्वीरें जारी की हैं, जिन्हें जगह-जगह चस्पा किया गया है। इनमें से ज्यादातर पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित है। गौरतलब है कि गत दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात करीब एक बजे गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गए पुलिस दल पर उसके गुर्गों ने ताबड़तोड़ गोलियां चला कर पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा, तीन दारोगा और चार सिपाहियों की हत्या कर दी थी।