पकड़े गए “सिरकटी लाश” के हत्यारे

एकता देशवाल संभ्रांत और आधुनिक परिवार की लड़की थी जो बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। मुक्त जीवन। खुले विचार। और वहीं उससे टकराया शाकिब अहमद। शाकिब वहां नौकरी करता था लेकिन उसने अपना काम और पहचान दोनों एकता से छिपाई। उसने अपना नाम उसे "अमन" बताया। उसे अपने प्रेम जाल में ऐसा फंसाया कि एकता उसके लिए कुछ भी करने को तैयार हो गयी।

13 जून 2019। मेरठ के पास लोइया गांव में शबी अहमद के खेत से एक कुत्ता किसी मानव अंग को लेकर भाग रहा था। कुत्ते को मानव अंग लेकर भागते हुए ईश्वर पंडित ने देख लिया। उन्हें शक हुआ। पुलिस को सूचना दी गयी। पुलिस ने आकर शबी अहमद के खेत की खुदाई की तो एक लाश मिली। लाश किसी महिला की थी जिसका सिर और दोनों हाथ गायब थे।

पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया और हत्यारे की खोजबीन शुरु कर दी। हत्यारे को पकड़ना इतना आसान न था क्योंकि लाश का सिर गायब था। इसलिए उस लाश की शिनाख्त भी नहीं हो सकती थी। गांव के आसपास ऐसी कोई महिला गायब भी नहीं थी जिसकी हत्या पर शक जाता हो।

तब वहां के एसएसपी साहनी ने एक नायाब तरीका निकाला। उन्होंने सोचा हो न हो लड़की कहीं बाहर से गांव में लायी गयी हो। गांव में कोई कुछ बताने को तैयार न था। एसएसपी साहनी ने तय किया कि गांव के जितने लड़के बाहर नौकरी करते हैं वहां जाकर छानबीन की जाए। वहां के थानों से संपर्क करके पता किया जाए कि क्या वहां किसी लड़की के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है।

एसएसपी साहनी की ये योजना काम कर गयी और पंजाब में लुधियाना से एक 23 वर्षीय युवती के गायब होने की सूचना मिली। लुधियाना के मोतीनगर थाने में इस युवती के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज थी जो कि बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्र थी। इसके बाद पुलिस ने कड़ी से कड़ी मिलाते हुए जो जांच पड़ताल की उससे जो कहानी निकलकर सामने आयी वो इस प्रकार है।

एकता देशवाल संभ्रांत और आधुनिक परिवार की लड़की थी जो बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। मुक्त जीवन। खुले विचार। और वहीं उससे टकराया शाकिब अहमद। शाकिब वहां नौकरी करता था लेकिन उसने अपना काम और पहचान दोनों एकता से छिपाई। उसने अपना नाम उसे “अमन” बताया। उसे अपने प्रेम जाल में ऐसा फंसाया कि एकता उसके लिए कुछ भी करने को तैयार हो गयी। अमन ने उससे कहा कि वह घर से गहने लेकर आ जाए और वो लोग वहां से कहीं दूर जाकर नयी जिन्दगी शुरु करेंगे।

वह अमन के झांसे में आ गयी और करीब 25 लाख कीमत के गहने और नकद लेकर वह घर से फरार हो गयी। अमन उसे लेकर सीधा मेरठ के दौराला पहुंचा जो कि एक कस्बा है। वहां किराये पर एक कमरा लेकर दोनों करीब एक महीने रहे। इसके बाद ईद के मौके पर अमन उसे लेकर अपने घर आ गया जहां उसकी असलियत सामने आयी कि वो अमन नहीं बल्कि शाकिब है। अमन का भांडा फूटते ही एकता को बड़ा झटका लगा। ईद के दिन दोनों में दिनभर झगड़ा होता रहा।

शाकिब समझ गया कि अब इसे रास्ते से हटाने का समय आ गया है। बिना उसे रास्ते से हटाये 25 लाख के गहने उसके नहीं होंगे। कही लड़की भाग गयी तो भांडा भी फूट जाएगा और 25 लाख का घाटा हो जाएगा। इसलिए शाकिब ने ईद की उसी रात उसके हत्या की योजना बनायी। ईद की रात उसने एकता को कोल्डड्रिंक में नशीली दवा पिलाकर बेहोश कर दिया। इसके बाद उसी बेहोशी की हालत में वह कुछ दोस्तों के साथ मिलकर खेत पर ले गया जहां शाकिब ने बेहोशी की हालत में एकता की गला काटकर हत्या कर दी।

गला काटने के बाद उसके दोनों हाथ भी काट दिये गये क्योंकि एकता ने अपने एक हाथ पर अपना नाम और दूसरे पर प्यारे “अमन” का नाम गुदवा रखा था। शाकिब को शक था कि अगर पुलिस को ये सबूत मिल गया तो भांडा फूट सकता है। लेकिन अमन गलत साबित हुआ। सालभर लगे लेकिन उसका भांडा फूटा। आज उस सिर कटी लाश के रहस्य से पर्दा उठ चुका है और शाकिब अपने दोस्तों सहित पुलिस की गिरफ्त में है।

First Published on: June 2, 2020 12:57 PM
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