
राजस्थान पुलिस ने जयपुर में एक विवाहित महिला का बयान दर्ज करने के बहाने उसके साथ रेप करने के आरोप में रविवार (9 मार्च) को एक पुलिस कांस्टेबल को गिरफ्तार किया। सांगानेर के एसीपी विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि पीड़िता के पति ने कांस्टेबल भागाराम के खिलाफ शनिवार रात को एफआईआर दर्ज कराई थी।
एसीपी शर्मा ने बताया कि आरोपी कांस्टेबल को हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, सांगानेर थाने में तैनात कांस्टेबल भागाराम एक शिकायत के सिलसिले में बयान दर्ज करने के बहाने शनिवार (8 मार्च) को शिकायतकर्ता के घर पहुंचा और उसकी पत्नी को एक होटल के कमरे में ले गया।
शिकायतकर्ता ने बताया कि जिस समय आरोपी कांस्टेबल उसके घर गया था उस समय वह काम के सिलसिले में बाहर गया हुआ था। उन्होंने बताया कि आरोपी कांस्टेबल शिकायतकर्ता की पत्नी और उसके तीन साल के बेटे को अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर एक होटल में ले गया जहां उसने होटल के कमरे में उसके बेटे के सामने उसकी पत्नी के साथ कथित रूप से रेप किया।
पुलिस ने बताया कि जब पीडिता ने विरोध किया तो उसने उसके पति को जेल में डालने की धमकी दी। उसने बताया कि उसने घटना के बारे में किसी को बताने पर महिला को कार्रवाई करने की धमकी भी दी। उसने बताया कि महिला की मेडिकल जांच कराई गई है।
वहीं इस पूरे मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “महिला दिवस के दिन मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र की यह घटना राजस्थान में कानून व्यवस्था की दयनीय स्थिति बताती है।”
उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, “बेहद शर्मनाक है कि महिला दिवस के अवसर पर जब बीजेपी सरकार आईफा पुरस्कारों की चकाचौंध और मनोरंजन में व्यस्त थी, तभी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विधानसभा क्षेत्र में एक दलित गर्भवती महिला के साथ एक पुलिसकर्मी ने तीन साल के बच्चे के सामने रेप किया।”
उन्होंने आगे कहा “आईफा का अपना महत्व है पर आमजन की सुरक्षा के साथ ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। आमोद-प्रमोद के कार्यक्रमों में जुटी हुई बीजेपी सरकार के शासन में रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं। राज्य सरकार को इस आरोपी कांस्टेबल को सेवा से बर्खास्त करना चाहिए एवं इस मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर जल्द से जल्द से सजा दिलवानी चाहिए। इस मामले को एक नजीर बनाना चाहिए जिससे पुलिस द्वारा किए जाने वाले ऐसे अत्याचारों को रोका जा सके।”