कानपुर में रिटायर्ड बैंक कर्मी को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने उड़ाए 40 लाख रुपये

कानपुर के साउथ क्षेत्र के रतनलाल नगर इलाके के इंद्रप्रस्थ अपार्टमेंट में रहने वाले रिटायर्ड बैंक मैनेजर इंद्रजीत और उनकी पत्नी साइबर ठगों का शिकार होकर डिजिटल अरेस्ट हो गए और अपनी जीवन की गाढ़ी कमाई ठगों को दे बैठे।

देश में लगातार साइबर धोखाधड़ी को लेकर हर दिन नई-नई खबरें सामने आती हैं। जिसमें अपराधी वीडियो या ऑडियो कॉल के जरिए अपने जाल में सीधे-साधे लोगों को फांसते हैं और फिर उनसे साइबर ठगी कर उनके लाखों रुपया उड़ा लेते हैं। ऐसा ही एक अनोखा और बड़ा मामला सामने आया है जिसमें कानपुर शहर में एक रिटायर्ड बैंक कर्मी और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट कर 40 लाख रुपये के लगभग की ठगी हुई है।

इसके साथ ही ठगों ने इन पति-पत्नी को 4 दिन तक लगातार डिजिटल अरेस्ट कर रखा और पैसे लूटते रहे। इस मामले की जानकारी मिलते ही कानपुर पुलिस जांच में जुट गई और ठगों तक पहुंच के लिए अलग-अलग तकनीक के सहारे इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों को पकड़ने का काम कर रही है।

दरअसल कानपुर के साउथ क्षेत्र के रतनलाल नगर इलाके के इंद्रप्रस्थ अपार्टमेंट में रहने वाले रिटायर्ड बैंक मैनेजर इंद्रजीत और उनकी पत्नी साइबर ठगों का शिकार होकर डिजिटल अरेस्ट हो गए और अपनी जीवन की गाढ़ी कमाई ठगों को दे बैठे। यह घटना 19 दिसंबर 2024 की है, जिसमें ठगों ने कॉल पर रिटायर बैंक कर्मी और उनकी पत्नी को कॉल कर अपने झांसे में ले लिया। इस दंपत्ति पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया और पुलिस अधिकारियों के नाम बताकर बैंक की डिटेल मांगी और पैसे उड़ा लिए।

वहीं इस डिजिटल अरेस्ट की घटना पर डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस अपराध के लिए गैंग के कई अलग-अलग सदस्य होते हैं। जो एक- एक कर अपने शिकार से बात करता है। कभी ऑडियो कॉल पर तो कभी वीडियो कॉल पर, अपने शिकार को फोन पर इतना डरा देते हैं कि वो चाहते हुए भी खुद को किसी बड़ी समस्या में फंसता हुआ देख उनकी गिरफ्त में आ जाता है। अगर वो उनसे भागने की कोशिश करता है तो पुलिस अधिकारी बन, सीबीआई अधिकारी बन डराया जाता है। फिर वह सामने वाले को अधिकारी मानकर अपनी बैंक की सारी डिटेल दे देते हैं और अपना खाली करा बैठते हैं।

First Published on: December 28, 2024 12:18 PM
Exit mobile version