पत्रकारों का दावा मुठभेड़ से पहले मीडिया के वाहनों को रोका गया, पुलिस ने किया खारिज


एक पत्रकार ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि पुलिस काफिले के पीछे पीछे आ रहे मीडिया के वाहनों को पुलिस ने कई स्थानों पर रोका । पत्रकार ने बताया कि संचेडी इलाके में भी मीडिया के वाहनो को रोक दिया गया जिसके कुछ देर बाद ही भौती इलाके में दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने की खबर आयी।



कानपुर। कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी एवं कुख्यात अपराधी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से लेकर कानपुर आ रहे पुलिस काफिले के साथ चल रहे मीडिया के वाहनो को संचेडी के पास कथित रूप से रोक दिया गया था, हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में यह दिख रहा है कि दुबे के साथ हुये मुठभेड़ स्थल से करीब तीस मिनट पहले ही मीडिया के वाहनों को रोक दिया गया था।
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एक पत्रकार ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि पुलिस काफिले के पीछे पीछे आ रहे मीडिया के वाहनों को पुलिस ने कई स्थानों पर रोका । पत्रकार ने बताया कि संचेडी इलाके में भी मीडिया के वाहनो को रोक दिया गया जिसके कुछ देर बाद ही भौती इलाके में दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने की खबर आयी।

इस बारे में जब कानपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके पास इसकी कोई जानकारी नही कि विकास दुबे को लेकर आ रहे पुलिस के वाहन के पीछे आ रहे मीडियाकर्मियों के वाहनो को रोका गया था। उन्होंने कहा कि मीडिया के वाहनों को रोका नही गया था ।

एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शायद मीडिया के वाहनो को जांच के लिये रोका गया हो।