महोबा। महोबा जिले के कबरई के व्यवसायी इन्द्रकांत त्रिपाठी की संदिग्ध परिस्थिति में गोली लगने से हुई मौत के मामले में फरार चल रहे महोबा के निलंबित आईपीएस और पूर्व पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार के खिलाफ ‘लुकआउट’ नोटिस जारी किया गया है। उनकी गिरफ्तारी के लिए 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया जा चुका है।
महोबा के पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया, कबरई के क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत त्रिपाठी की कथित आत्महत्या और भ्रष्टाचार के मामले में फरार चल रहे निलंबित पूर्व पुलिस अधीक्षक (एसपी) मणिलाल पाटीदार के खिलाफ रविवार को ‘लुकआउट’ नोटिस जारी किया गया, ताकि वे देश छोड़कर नहीं जा सकें।
उन्होंने बताया, “इससे पहले पाटीदार की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। चित्रकूटधाम परिक्षेत्र बांदा के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के. सत्यनारायण ने छह दिसंबर को इनाम की राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दी।”
क्रशर व्यवसायी त्रिपाठी ने सात-आठ सितंबर को आईपीएस अधिकारी (निलंबित पूर्व एसपी) मणिलाल पाटीदार के खिलाफ छह लाख रुपये की रिश्वत मांगने और अपनी जान का खतरा होने से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। इसके कुछ घंटे बाद ही वह अपनी कार में घायल अवस्था में मिले थे।
त्रिपाठी की कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में 13 सितंबर को इलाज के दौरान मौत हो गयी। इस सिलसिले में क्रशर व्यवसायी के बड़े भाई रविकांत ने 11 सितंबर को निलंबित एसपी पाटीदार, बर्खास्त थानाध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला और दो अन्य क्रशर व्यवसायियों सुरेश सोनी तथा ब्रम्हदत्त के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करवाया। इन्द्रकांत की मौत के बाद इन सभी पर आईपीसी की धारा-302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया था।
एसआईटी ने अपनी जांच में इसे आत्महत्या का मामला बताया। एसआईटी ने कहा कि इन्द्रकांत ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से गोली मारकर आत्महत्या की। लिहाजा, मामले में अब आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत जांच चल रही है।
इसी मामले में कबरई के बर्खास्त पूर्व थानाध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला को 25 नवंबर को महोबा पुलिस ने झांसी की सीमा से गिरफ्तार किया था, जबकि बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार यादव ने लखनऊ की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। इस मामले में नामजद दो व्यवसायी सुरेश सोनी और ब्रम्हदत्त पहले से ही जेल में हैं। लेकिन आईपीएस अधिकारी पाटीदार अब तक फरार हैं।