
तिरुवनंतपुरम। करीब 28 साल पहले केरल में सिस्टर अभया मौत मामले में तिरुवनंतपुरम की एक सीबीआई कोर्ट ने सिस्टर की हत्या में दोषी पाए गए कैथोलिक पादरी थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए दोनों पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
सिस्टर अभया हत्या मामले में दोनों आरोपियो का ट्रायल 10 दिसंबर को पूरा हो गया था। दरअसल, केरल के कोट्टयम के सेंट पायस कॉन्वेंट में रहने वाली सिस्टर अभया की सदिंग्ध परिस्थितियों में मौत के 28 साल बाद सीबीआई अदालत ने एक पादरी और नन को उनकी हत्या का दोषी पाया।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के सनल कुमार ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पदारी और नन के खिलाफ हत्या के आरोप साबित हुए हैं. अदालत ने कैथोलिक चर्च के फादर थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी को IPC की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूतों के साथ छेड़छाड़ करना) के तहत दोषी पाया।
बता दें कि 21 वर्षीय अभया का शव 27 मार्च 1992 को सेंट पायस के एक कुएं से मिला था। अभया कोट्टयम के बीसीएम कॉलेज में द्वितीय वर्ष की छात्रा थी और कॉन्वेंट में रहती थी। इस मामले में अन्य आरोपी फादर जोस पुथ्रीक्कयील को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।
शुरुआत में मामले की जांच स्थानीय पुलिस और राज्य की अपराध शाखा ने की थी और दोनों ने ही कहा था कि अभया ने खुदकुशी की है। सीबीआई ने मामले की जांच 29 मार्च 1993 को अपने हाथ में ली और तीन क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी और कहा था कि यह हत्या का मामला है लेकिन अपराधियों का पता नहीं चल सका है।
केरल हाईकोर्ट की फटकार के बाद सीबीआई ने फादर कोट्टूर, फादर पूथ्रीक्कयील और नन सेफी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक 27 मार्च 1992 की रात को अभया ने कोट्टूर और सेफी को कथित रूप से आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया, जिसके बाद आरोपियों ने अभया पर कुल्हाड़ी से हमला किया और उसे कुएं में फेंक दिया।