पुजारियों की नृशंस हत्या के आरोपी को बुलंदशहर पुलिस ने किया गिरफ़्तार


बुलंदशहर के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया किसाधुओं के हत्या के आरोप में मुरारी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।सिंह ने बताया कि इस हत्या को गांव के ही एक नशेड़ी ने धारदार हथियार से मंदिर परिसर में सो रहे 50 वर्षीय साधु जगदीश और 52 वर्षीय शेर सिंहकी थी।



मंज़ूर अहमद
बुलंदशहर।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो पुजारियों की नृशंस हत्या के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार
कर लिया है। बुलंदशहर के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बताया कि साधुओं के हत्या के आरोप में मुरारी नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया
गया है और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी के
शिनाख्त के पर अपराध में इस्तेमाल किए गये हथियारों को बरामद कर लिया गया है। चौबे
ने बया कि शवों का पोस्टमॉर्टम कर लिया गया है और दोनों मृतकों का अंतिम संस्कार
रीति-रिवाज के अनुसार किया जाएगा।
बता दें कि उत्तर
प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले में सोमवार को एक मंदिर के भीतर दो पुजारियों की गला
काटकर  नृशंस हत्या कर दी गई थी। संतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस हत्या को गांव के ही
एक नशेड़ी ने धारदार हथियार से अंजाम दिया है। उन्होंने बताया कि आरोपी दो दिन
पहले साधुओं का चिमटा चुरा ले गया था जिसकी वजह से साधुओं ने उसको काफ़ी डांटा था
और अनुमान है कि इसी डांट से नाराज होकर आरोपी मुरारी ने मंदिर परिसर में सो रहे 50 वर्षीय साधु जगदीश और 52 वर्षीय शेर सिंह की हत्या कर दी थी।
पुलिस ने बताया कि
दोनो साधु अनूप शहर कोतवाली के पगौना गांव स्थित शिव मंदिर की देख-रेख और पूजा-पाठ
का काम करते थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक़ इन साधुओं की हत्या सोमवार देर रात
मंदिर परिसर में ही धारदार हथियारों से कर दी गई थी। जिसके बाद मंगलवार सुबह जब
ग्रामीण मंदिर में पहुंचे तो उन्हें साधुओं के ख़ून से लथपथ शव देख सन्न रह गए और वहीं इस घटना के इलाके सहित पूरे प्रदेश में सनसनी मच गई। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते
हुए ज़िलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को तत्काल मौक़े पर पहुंचकर विस्तृत रिपोर्ट
देने और सख़्त कार्रवाई का आदेश दिया है। वहीं इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कई
राजनीतिक टिप्पणियां भी सामने आने लगीं और लोग इस घटना को महाराष्ट्र में पालघर में
तीन साधुओं की पीट-पीटकर हुई हत्या से जोड़कर देखने लगे। 

भगवान की इच्छा से की हत्या
हत्या की वजह के बारे में पूछे जाने पर मुरारी ने बताया कि उसकी साधुओं से कोई रंजिश नहीं थी। यह घटना ‘भगवान की इच्छा’ है। वहीं, सपा और कांग्रेस ने बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या की गहराई से जांच की मांग करते हुए इनका राजनीतिकरण न करने को कहा है।

सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा ‘बुलंदशहर में मंदिर परिसर में दो साधुओं की नृशंस हत्या अति निंदनीय व दुखद है। इस प्रकार की हत्याओं का राजनीतिकरण न करके, इनके पीछे की हिंसक मनोवृत्ति के मूल कारण या आपराधिक कारण की गहरी तलाश करने की आवश्यकता होती है। इसी आधार पर समय रहते न्यायोचित कार्रवाई करनी चाहिए।’’
15 दिनो में यूपी लोगों की हो चुकी है हत्या
इस बीच, कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी बुलंदशहर की घटना की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘‘अप्रैल के पहले 15 दिनों में ही उत्तर प्रदेश में 100 लोगों की हत्या हो गई। तीन दिन पहले एटा में पचौरी परिवार के पांच लोगों के शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाए गए। कोई नहीं जानता उनके साथ क्या हुआ। आज बुलंदशहर में एक मंदिर में सो रहे दो साधुओं को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया।’’
प्रियंका ने कहा ‘‘..ऐसे जघन्य अपराधों की गहराई से जाँच होनी चाहिए और इस समय किसी को भी इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। निष्पक्ष जाँच करके पूरा सच प्रदेश के समक्ष लाना चाहिए। यह सरकार की ज़िम्मेदारी है।’’

उप्र में दो साधुओं की हत्या काफी दुखद: देशमुख

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या को मंगलवार को ‘‘काफी दुखद’’ बताया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता देशमुख ने कहा कि उन्हें ‘‘भरोसा’’ है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में उसी तरह कड़ी कार्रवाई करेंगे, जैसी महाराष्ट्र सरकार ने पालघर घटना के सिलसिले में की थी।

किसी पार्टी का नाम लिये बगैर देशमुख ने उम्मीद जताई कि पालघर घटना के बाद ‘‘भड़काऊ’’ टिप्पणियां करने वाले, बुलंदशहर घटना के बाद इस तरह की भड़काऊ टिप्पणियां नहीं करेंगे।देखमुख ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या की घटना काफी दुखद है। हमें योगी आदित्यनाथ पर भरोसा है कि वह उसी तरह कार्रवाई करेंगे, जैसे हमने पालघर में की थी। हमें उम्मीद है कि पालघर घटना के बाद भड़काऊ सांप्रदायिक टिप्पणियां करने वाले इस बार ऐसा नहीं करेंगे।’’