BANK STRIKE: महाराष्ट्र में बैंक सेवायें प्रभावित, 40 हजार के करीब बैंक कर्मचारी, अधिकारी हड़ताल पर


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2021 को पेश बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव किया है। सरकार ने विनिवेश कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुये यह घोषणा की है।



मुंबई।बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन सोमवार को बैंकों के कामकाज पर हड़ताल का असर दिखा। राज्य में बैंकों के 40 हजार के करीब अधिकारी और कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर रहे।

सरकारी बैंकों के निजीकरण के सरकार के फैसले के खिलाफ बैंक यूनियनों ने 15- 16 मार्च को दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2021 को पेश बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव किया है। सरकार ने विनिवेश कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुये यह घोषणा की है।

सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों की नौ यूनियनों के संयुक्त मंच यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने बैंकों के निजीकरण के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।

यूएफबीयू के महाराष्ट्र संयोजक देविदास तुल्जापुरकर ने एक वक्तव्य में कहा कि राज्य में 40 हजार के करीब बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में भाग ले रहे हैं। राज्य में बैंकों की करीब दस हजार शाखायें हैं।

बैंक यूनियनों के हड़ताल के आह्वान को देखते हुये सार्वजनिक क्षेत्र के कई बैंक ने पहले ही अपने ग्राहकों को इंटरनेट, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम जैसे डिजिटल चैनल अपनाने के बारे में सूचना दी है।

सरकारी क्षेत्र के बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन मध्य प्रदेश में 7,800 बैंक शाखाओं में सोमवार को काम-काज ठप रहा और इससे अलग-अलग बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हुईं। बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने यह जानकारी दी।

मध्य प्रदेश बैंक एम्प्लॉयीज एसोसिएशन (एमपीबीईए) के अध्यक्ष एम के शुक्ला ने बताया, “सूबे की 7,800 शाखाओं के करीब 32,000 अधिकारी-कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। इनमें 12 सरकारी बैंकों और कुछ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के कर्मचारी शामिल हैं।”

उन्होंने बताया कि हड़ताल से इन बैंक शाखाओं में धन जमा करने और निकालने के साथ चेक निपटान, सावधि जमा (एफडी) योजनाओं का नवीनीकरण, सरकारी खजाने से जुड़े काम और अन्य नियमित कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

गौरतलब है कि पिछले महीने पेश आम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी।