नई दिल्ली। मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि बढ़ती मांग एवं मजबूत बैंकिंग क्षेत्र के दम पर चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर दहाई अंक में रहने की उम्मीद है।
सुब्रमण्यम ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) आंकड़े जारी होने के मौके पर कहा कि कई कारकों से आर्थिक वृद्धि को मजबूती मिल रही है और वर्ष 2021-22 के अंत में इसके दहाई अंक में रहने की उम्मीद है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई-सितंबर 2021 की अवधि में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही और अर्थव्यवस्था कोविड-पूर्व के स्तर से आगे निकल गई।
सुब्रमण्यम के मुताबिक, वृद्धि का यह सिलसिला आगे भी कायम रहने की संभावना है। उन्होंने वर्ष 2022-23 में वृद्धि दर के 6.5-7 फीसदी रहने और उसके बाद भी तेजी का दौर बने रहने की उम्मीद जताई।
उन्होंने कहा कि दूसरी पीढ़ी के सुधारों की मदद से इस दशक में भारत की वृद्धि दर सात प्रतिशत से अधिक रह सकती है। राजकोषीय घाटे के बारे में सुब्रमण्यम ने उम्मीद जताई कि देश चालू वित्त वर्ष में इसे जीडीपी के 6.8 प्रतिशत पर सीमित रखने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा।