एसबीआई रिसर्च के अर्थशास्त्रियों ने कृषि विधेयकों को बताया बेहतर

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अर्थव्यवस्था Updated On :

मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि हाल में कृषि क्षेत्र में किये गये सुधार अनाज उत्पादक राज्यों की जरूरतों को पूरा करता है और इस लिहाज से यह कुछ हद तक संकीर्ण सोच पर आधारित जान पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे केवल परंपरागत खेती को बढ़ावा मिलेगा। उल्लेखनीय है कि हाल में संपन्न संसद के मानसून सत्र में कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन विधेयकों को मंजूरी दी गयी। इसका मकसद कृषि उपज के विपणन, बिक्री में बदलाव लाना तथा भंडारण सीमा को समाप्त करना है।

एसबीआई रिसर्च के अर्थशास्त्रियों ने विधेयकों का स्वागत करते हुए कहा कि इन विधेयकों में जो उपाय किये गये, उसकी जरूरत थी। लेकिन यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि हमारा देश केवल अनाज ही उपजाने वाला नहीं रह गया है बल्कि दूसरे राज्य विभिन्न फसल पैदा कर रहे हैं।

एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष ने कहा, हम केवल अनाज पैदा करने वाले नहीं रह गये हैं और यह समय श्वेत क्रांति का है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों के पक्ष में है जिन्होंने हरित क्रांति की अगुवाई की लेकिन उत्तर प्रदेश और बंगाल जैसे महत्वपूर्ण चावल उत्पादक राज्यों की उपेक्षा करता है।



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