पूरे देश में एक राष्ट्रव्यापी जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था, जिसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और 13 उपकर जैसे कुल 17 स्थानीय कर समाहित थे।
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि जीएसटी ने सभी करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बना दिया है और जीएसटी परिषद ने कोविड-19 महामारी के प्रकोप के मद्देनजर कई राहत उपायों की सिफारिश भी की है।
Overall, GST rates have been reduced on 400 goods and 80 services. Given that, in the pre-GST regime, the combined Centre and States rates were more than 31% on most of the items; this reduction marks a significant relief for the taxpayer. #4yearsofGST
(1/8) pic.twitter.com/cQCaibTr4W— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 30, 2021
इसी तरह सेवाओं के लिए एक साल में 20 लाख रुपये तक कारोबार वाले व्यवसायों को जीएसटी से छूट दी गई है। इसके बाद एक साल में 50 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले सेवाप्रदाता कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं और उन्हें केवल छह प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा।
मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘अब यह व्यापक रूप से स्वीकार कर लिया गया है कि जीएसटी उपभोक्ताओं और करदाताओं, दोनों के अनुकूल है। जीएसटी से पहले उच्च कर दरों ने कर भुगतान करने को हतोत्साहित किया, हालांकि जीएसटी के तहत कम दरों ने कर अनुपालन को बढ़ाने में मदद की। अब तक 66 करोड़ से अधिक जीएसटी रिटर्न दाखिल किए गए हैं।’’
वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी के तहत लगभग 1.3 करोड़ करदाताओं के पंजीकरण के साथ अनुपालन में लगातार सुधार हो रहा है।
वित्त मंत्रालय ने हैशटैग ‘4इयरऑफजीएसटी’ के साथ ट्वीट करते हुए कहा कि जीएसटी ने उच्च कर दरों को कम किया।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘आरएनआर समिति द्वारा अनुशंसित राजस्व तटस्थ दर 15.3 प्रतिशत थी। इसकी तुलना में आरबीआई के अनुसार वर्तमान में भारित जीएसटी दर केवल 11.6 प्रतिशत है।’’
मंत्रालय ने आगे कहा कि जीएसटी ने जटिल अप्रत्यक्ष कर ढांचे को एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी संचालित कर व्यवस्था में बदल दिया है और इस तरह भारत को एक बाजार में एकजुट किया है।
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के चार साल पूरे होने के मौके पर वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अब तक 66 करोड़ से अधिक जीएसटी रिटर्न दाखिल किए गए, कर की दरें में कटौती हुई और करदाताओं की संख्या में बढ़ी है।