वित्त वर्ष 2025 में विदेशी निवेश बढ़कर हुआ 81 अरब डॉलर, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा FDI


भारत की तरफ से साल 2025 में विदेशी निवेशकों की तरफ से जमकर निवेश किया गया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी बयान के मुताबिक, एफडीआई वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान पिछले साल के मुकाबले 14 प्रतिशत बढ़कर 81.04 बिलियन डॉलर हो गया है। सालभर पहले यानी वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान ये 71.28 बिलियन डॉलर था।

सबसे ज्यादा विदेशी निवेश सर्विस सेक्टर में हुआ है, जिसकी कुल विदेशी निवेश में 19 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके बाद कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में कुल निवेश का 16 फीसदी हिस्सेदारी और फिर व्यापार में 8 प्रतिशत हिस्सा रहा।

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि पिछले 11 वर्षों के दौरान एफडीआई में इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान एफडीआई 36.05 बिलियन डॉलर था। बयान में कहा गया है कि इसकी बड़ी वजह निवेशक के अनुरूप तैयार नीतियां है, जिसमें कई सेक्टर के एफडीआई को 100 फीसदी तक बढ़ाकर कर दिया गया है।

मैन्युफैक्चरिंग के सेक्टर में काफी एफडीआई लगा हुआ है और ये हब बन चुका है। एक साल के दौरान इसमें 18 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान इसमें जहां 16.12 बिलियन एफडीआई लगा था तो वहीं ये एक साल बाद यानी वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 19.04 बिलियन डॉलर हो चुका है।

वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में कुल एफडीआई के 39 प्रतिशत हिस्सा निवेश हुआ। इसके बाद कर्नाटक में 13 प्रतिशत और फिर दिल्ली में 12 प्रतिशत एफडीआई का पैसा लगा। जिन देशों की तरफ से एफडीआई के तौर पर पैसा लगाया गया है, उनमें सिंगापुर की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि मॉरिशस 17 प्रतिशत और उसके बाद अमेरिका का 11 प्रतिशत एफडीआई में पैसा भारत आया है।

पिछले 11 वर्षों के दौरान यानी वित्त वर्ष 2014-25 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तौर पर 748.78 अरब डॉलर का निवेश हुआ है, जो उसके पिछले 11 वर्षों की तुलना में करीब 143 प्रतिशत का इजाफा है। वित्त वर्ष 2003-2014 के बीच एफडीआई के तौर पर 308.38 बिलियन डॉलर का निवेश हुआ था।



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