देश के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 2022 में 15 अरब डॉलर के निवेश के साथ उछाल की उम्मीद

सरकार के इस कदम से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र का बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

नई दिल्ली। इस वर्ष कई तरह की दिक्कतों का सामना करने के बाद 2022 में 15 अरब डॉलर से अधिक के संभावित निवेश के साथ देश के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उछाल आने की उम्मीद है।

सरकार बिजली से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों, हरित हाइड्रोजन, सौर उपकरणों के निर्माण के साथ-साथ 175,000 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को हासिल करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। सरकार के इस कदम से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र का बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने मौजूदा अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 150,000 मेगावाट से बढ़ाकर वर्ष 2022 में 175,000 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस संबंध में केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमें उम्मीद है कि वर्ष 2022 के दौरान अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश कम से कम 15 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा।’’

वही बर्ग न्यू एनर्जी फाइनेंस (बीएनईएफ) की रिपोर्ट के अनुसार देश के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में किया गया नया निवेश 2020 में 6.2 अरब डॉलर था। 2019 में इसमें 9.3 अरब डॉलर और 2018 में 10.8 अरब डॉलर का निवेश आया।

देश में हालांकि कोरोना वायरस की दूसरी लहर से कई अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के प्रभावित होने के बावजूद 2021 में नए अवसर सामने आए है। भारतीय कंपनियों ने धन जुटाने के लिए विदेशी बाजारों की खोज शुरू कर दी है और अगस्त में रीन्यू पावर अमेरिकी शेयर बाजार नैस्डैक पर सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय अक्षय ऊर्जा कंपनी बन गई है।

भारत ने सीओपी21 में 2030 तक गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों से अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 40 प्रतिशत हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई थी। इसे हालांकि नवंबर 2021 में ही हासिल कर लिया है। सरकार ने अब 2030 तक 500,000 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा (आरई) स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।

First Published on: December 24, 2021 2:16 PM
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