IT INDUSTRY को विश्व का अगुवा बनना है तो INNOVATION पर दें जोर : मोदी


प्रधानमंत्री ने ‘नासकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारतीय आईटी उद्योग की विश्व में छाप है, लेकिन हमें इस क्षेत्र में अगुवा बनना है, तो हमें नवप्रवर्तन, प्रतिस्पर्धी क्षमता और उत्कृष्टता के साथ संस्थान निर्माण पर ध्यान देना होगा।’’


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अर्थव्यवस्था Updated On :

मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है और इस क्षेत्र में अगुवा बनने के लिये नवप्रवर्तन पर जोर, प्रतिस्पर्धी के साथ उत्कृष्ट संस्थान निर्माण पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

उन्होंने आईटी उद्योग से कृषि, स्वास्थ्य और देश के लोगों की अन्य जरूरतों को ध्यान में रखकर समाधान बनाये जाने का भी आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने ‘नासकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारतीय आईटी उद्योग की विश्व में छाप है, लेकिन हमें इस क्षेत्र में अगुवा बनना है, तो हमें नवप्रवर्तन, प्रतिस्पर्धी क्षमता और उत्कृष्टता के साथ संस्थान निर्माण पर ध्यान देना होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘विश्व में भारतीय प्रौद्योगिकी की जो पहचान है, उससे देश को काफी उम्मीदें हैं। आपके समाधान पर मेक फॉर इंडिया की छाप होनी चाहिए।’’

उन्होंने आईटी उद्योग से कहा कि वे कृषि, स्वास्थ्य और देश तथा लोगों अन्य जरूरतों को ध्यान में रखकर समाधान बनाये।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहे हैं। यह समय नये लक्ष्य बनाने का है। जब भारत 25-26 साल बाद आजादी के 100 साल मनाएगा, हम कितने वैश्विक उत्पाद बनायें, कितने वैश्विक लीडर बनाये, यह सोचकर काम करने की जरूरत है। इस लक्ष्य को हासिल करने में देश आपके साथ है।

स्टार्टअप का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘स्टार्टअप संस्थापकों को इस बारे में सोचना चाहिए कि कैसे वे संस्थानें सृजित कर सकते हैं, केवल मूल्यांकन पर जोर नहीं होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार मानती है कि बंधनों में भविष्य का नेतृत्व विकसित नहीं हो सकता, इसीलिए प्रौद्योगिकी उद्योग को अनावश्यक नियमन से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हाल में हमने भू-स्थानिक क्षेत्र को खोला है, इससे प्रौद्योगिकी क्षेत्र के स्टार्टअप को मदद मिलेगी और आत्मनिर्भर भारत अभियान सशक्त होगा।

डिजिटल प्रौद्योगिकी के लाभ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी में सुधार से काले धन की समस्या में कमी आयी है, लोग सशक्त हुए हैं। बहुत कम समय में हम नकद आधारित अर्थव्यवस्था से कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़े हैं।

मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी के माध्यम से न्यूनतम सरकार, कारगर शासन व्यवस्था के वादे को पूरा करने में मदद मिल रही है। गरीब और मध्यम वर्ग को सुविधाएं के साथ भ्रष्टाचार से मुक्ति मिली है।

आईटी उद्योग के लिये अवसर के बारे में उन्होंने कहा कि आईटी उद्योग की सबसे बड़ी ताकत देश की बड़ी अबादी है, लोग नये समाधान अपनाने को उत्सुक हैं। भारत में विचारों की कमी नहीं है, उन विचारों को वास्तविक रूप देने के लिये संरक्षकों और मार्गदर्शकों की जरूरत है।