सतत विकास लक्ष्यों के लिए मिश्रित ऋण, निजी पूंजी का लाभ उठाने की जरूरत: सीतारमण

सीतारमण ने ऊर्जा बदलाव के लिए भारत की द्विपक्षीय योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ऊर्जा सम्मिश्रण में नवीकरणीय घटकों को बढ़ावा देना और ऊर्जा सक्षमता एवं सुरक्षा बढ़ाने के लिए नवोन्मेषी नीतिगत कदमों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए मिश्रित वित्त और निजी पूंजी का लाभ उठाने की जरूरत पर बल दिया। सीतारमण इंडोनेशिया के बाली में आयोजित वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गर्वनरों की तीसरी जी20 बैठक में ‘जलवायु परिवर्तन के लिए सतत वित्त गोलमेज सम्मेलन’ को संबोधित कर रही थीं।

वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘‘केंद्रीय वित्त मंत्री ने टिकाऊ वित्त को बढ़ाने तथा सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) की भूमिका, मिश्रित वित्त और निजी पूंजी का लाभ उठाने की जरूरत पर बल दिया।’’

सीतारमण ने ऊर्जा बदलाव के लिए भारत की द्विपक्षीय योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ऊर्जा सम्मिश्रण में नवीकरणीय घटकों को बढ़ावा देना और ऊर्जा सक्षमता एवं सुरक्षा बढ़ाने के लिए नवोन्मेषी नीतिगत कदमों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।

मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ‘पंचामृत’ रणनीति पर जोर दिया जिसकी संकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी है।’’

प्रधानमंत्री ने पिछले साल ग्लासगो में आयोजित जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भारत की लड़ाई में ‘पंचामृत’ तत्वों के इस्तेमाल का संकल्प लिया था।

सीतारमण ने इंडोनेशिया की वित्त मंत्री मुल्यानी इंद्रावती के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। उन्होंने सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री लॉरेंस वांग से भी मुलाकात की।

First Published on: July 14, 2022 5:53 PM
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