समलैंगिक कलाकारों को मुख्यधारा में लाना आसान काम नहीं : आयुष्मान खुराना


आयुष्मान ने पिछले साल रोमांटिक कॉमेडी फिल्म ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ में काम किया था, जिसमें उन्होंने एक समलैंगिक युवक का किरदार निभाया था।


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मनोरंजन Updated On :

मुंबई। अभिनेता आयुष्मान खुराना का कहना है कि (एलजीबीटीक्यू) पात्रों वाली फिल्मों का निर्माण करना काफी महत्वपूर्ण है, लेकिन ऐसी फिल्मों में उस समूदाय से कलाकारों को शामिल करना आसान नहीं है।

आयुष्मान ने कहा है कि अतीत में उनके अनुभवों से उन्हें महसूस हुआ है कि ऐसे कलाकार खुद को लेकर काफी संवेदनशील रहते हैं और उन्हें लगातार इस बात का डर होता है कि फिल्मों के जरिए उनकी एक खास छवि गढ़ दी जाएगी।

आयुष्मान ने पिछले साल रोमांटिक कॉमेडी फिल्म ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ में काम किया था, जिसमें उन्होंने एक समलैंगिक युवक का किरदार निभाया था। हाल ही में रिलीज हुई उनकी फिल्म ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ में आयुष्मान के साथ नज़र आईं वाणी कपूर ने फिल्म में एक महिला किन्नर की भूमिका निभाई है।

फिल्म में वाणी कपूर के अभिनय की लोगों ने सराहना की है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि यदि वाणी की जगह कोई महिला किन्नर उस किरदार को निभाती तो और बेहतर होता। इसने एक नयी बहस को जन्म दे दिया है। आयुष्मान ने इस बहस को सही बताते हुए कहा कि समलैंगिक और किन्नर समुदाय के कलाकारों को सिनेमा की मुख्यधारा से जोड़ना कोई आसान काम नहीं है।

आयुष्मान ने दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि एक समाज के रूप में हम वहां तक अभी पहुंचे हैं। हमारे और पश्चिमी समाज में बहुत ज्यादा अंतर है। “शुभ मंगल ज्यादा सावधान” के लिए हमने कई समलैंगिक कलाकारों से संपर्क किया था और उन्हें फिल्म में काम करने का प्रस्ताव दिया था, क्योंकि हम चाहते थे कि फिल्म में समलैंगिक समुदाय के कुछ कलाकार भी काम करें। लेकिन, उन्होंने मना कर दिया।

कई कलाकारों का कहना था कि उन्हें इस बात का डर है कि फिल्म के जरिए सिनेमा जगत में उनकी एक छवि गढ़ दी जाएगी और वह कभी भी फिल्मों में एक पुरुष की भूमिका नहीं निभा पाएंगे। समलैंगिक कलाकार को फिल्म में काम करने के लिए राजी करना हमारे लिए असंभव रहा, लेकिन हमने अपनी पूरी कोशिश की थी।’’



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