बुलंद आवाज, रोबीला अंदाज़ और चुम्बकीय शख्सियत -अभिनेता राजकुमार के इन्हीं लुभावने अंदाज़ ने उनको एक लाजवाब अभिनेता बनाने में अपना योगदान दिया था। अभिनेता बनने से पहले राजकुमार पुलिस महकमे में काम करते थे और शायद यही पुलिसिया अंदाज़ उन्होंने अपने अभिनय में ढाल कर लाखों को अपने अभिनय का दीवाना बना दिया था। राजकुमार के फिल्म के सेट के बाहर के किस्से मशहूर रहे है। चाहे वो फिल्म ज़ंजीर में मुख्य अभिनय का रोल महज इस बात के लिए मना करना की नरेशन के दौरान निर्देशक के बालो से बिजनौरी तेल की महक उनको पसंद नही आ रही थी से लेकर अमिताभ बच्चन को उनके सूट की तारीफ़ महज इसलिए करना को क्योंकि वो उन्ही कपड़ो से अपने घर के पर्दे बनवाने चाहते थे। चाहे आप उसे उनका शगुफापन कह ले या झक्की अंदाज या उनकी सनक – राजकुमार को लेकर किस्से तमाम है।
फिल्म – जंगबाज
फिल्म जंगबाज की शूटिंग के दौरान गोविंदा एक बेहद ही चमकदार शर्ट पहने हुए थे जिसको देखने के बाद राजकुमार ने उनके शर्ट की जमकर तारीफ़ की। अपनी शर्ट की तारीफ़ की सुनकर गोविंदा इतने खुश हुए की उन्होंने बाद में उसे राजकुमार को बतौर गिफ्ट दे दिया। अगले दिन गोविंदा की आंखें फटी की फटी रह गयी जब उन्होंने देखा की उनकी शर्ट राजकुमार के पैंट की पॉकेट में एक रुमाल के तौर पर लटक रही थी।
फिल्म – गलियों का बादशाह
जब राजकुमार को पता चला की फिल्म में सेकंड लीड के लिए मिथुन चक्रवर्ती को साइन किया गया है तब वो इस बात को सुन कर बेहद नाराज़ हो गए। उनका मानना था की उस रोल के लिए किसी वरिष्ठ अभिनेता को साइन करना चाहिए था। उनके हिसाब से मिथुन एक नौसिखिये अभिनेता थे और फिल्मो में उनका भविष्य नहीं था। जब इस बात को सुनकर मिथुन ने उनसे बात करने की कोशिश की तब उन्होंने यही कहा की अभिनय बच्चो का खेल नहीं है। इसके बाद मिथुन ने उनसे कहा कि वो सात सालों से फिल्मों में काम कर रहे है। यह सुनकार राजकुमार ने उनको हंसते हुए यही जवाब दिया की अगर उनको फिल्मों में छोटे रोल चाहिए तो वो उनकी मदद कर सकते है।
फिल्म – इतिहास
इस फिल्म के लिए राजकुमार ने डबिंग के लिए मना कर दिया था। डबिंग करने के पहले उन्होंने फिल्म के निर्माता के सामने ये शर्त रखी की अगर निर्माता को उनसे फिल्म की डबिंग करवानी है तो उनके और शबाना आज़मी के ऊपर एक रोमांटिक गाना निर्देशक को फिल्माना पड़ेगा। फिल्म को नुकसान से बचने के लिए निर्माता ने राजकुमार की ये मांग मान ली। उसी दौरान राजकुमार अपने परिवार के साथ कश्मीर में छुट्टियां मना रहे थे। आनन फानन में दोनों के ऊपर एक गाना शूट किया गया लेकिन फिल्म में उसकी जगह ना होने की वजह से उसे फिल्म के शुरू के क्रेडिट टाइटल में डालना पड़ा।
फिल्म – सौदागर
जब फिल्म के सेट पर राजकुमार को पता चला की दिलीप कुमार के डाॅयलाग में उत्तर प्रदेश और बिहार की भाषा का मिश्रण है तब उन्हें ये सुनकर आश्चर्य हुआ। उसके बाद वो नाराज़ भी हो गए क्योंकि उनकी डाॅयलाग डिलीवरी शुद्ध हिंदी में थी। उनकी यही डिमांड थी की उनकी भी फिल्म में बोलचाल की भाषा थोड़ी अलग होनी चाहिए। राजकुमार ये जानकार इतने नाराज़ हो गए की उसी वक़्त उन्होंने फिल्म के निर्दशक सुभाष घई को अपना फरमान सुना दिया की वो फिल्म को छोड़ कर वापस बंबई का रुख कर रहे है। सुभाष घई को उनको मनाने में लगभग दो घंटे लगे।
फिल्म – धरम कांटा
मल्टीस्टारर फिल्म धरम कांटा के सेट पर भी अभिनेता राजकुमार ने अपने सनक की वजह से फिल्म की पूरी यूनिट को परेशान किया था। फिल्म के एक सीन में राजकुमार को हीरो के एक हार को अपने हाथो में पकड़ने का सीन था। जब उनको पता चला की उनको नकली हीरो का हार दिया गया है तब उन्होंने ये कह कर शूट करने से इंकार कर दिया की वो नकली चीज़ो को हाथ नहीं लगाते है। कोई और दूसरा रास्ता नहीं होने की वजह से फिल्म के निर्देशक सुल्तान अहमद को असली हीरो के एक हार का जुगाड़ शूटिंग के लिए करना पड़ा।
फिल्म – काजल
इस फिल्म में राजकुमार के साथ काम किया था धर्मेंद्र ने और पहले ही दिन से दोनों की नहीं बनी थी। शूटिंग के पहले ही दिन जब धर्मेंद्र सेट पर आये तब उनको देख कर राजकुमार ने उनके ऊपर तंज़ कसा की यह पहलवान कहा से फिल्म वालो को मिल गया, क्या वो इस बात को लेकर निश्चित है की ये एक्टिंग कर सकता है। राजकुमार की इन बातों को सुनकर धर्मेंद्र बेहद गुस्से में आ गए है और इसके पहले बात हाथापाई तक पहुंचती, फिल्म के निर्देशक ने उनको शांत कर दिया।
फिल्म – ऊंचे लोग
फिल्म ऊंचे लोग से पहली बार फ़िरोज़ खान अपने शानदार अभिनय की वजह से सुर्खियों में आये थे। नेगेटिव रोल में होने के बावजूद फिल्म की सफलता का सेहरा फ़िरोज़ खान के सर पर बंधा था। इस फिल्म के सेट पर भी राजकुमार और फ़िरोज़ खान की पहले ही दिन से नहीं बनी थी। फिल्म की शूटिंग के दौरान एक सीन में राजकुमार को फ़िरोज़ खान को महज क्यू देना था, लेकिन फिल्मांकन के दौरान फ़िरोज़ खान को देखकर उनको क्यू देने की बजाय राजकुमार इधर उधर देखने लगते थे। राजकुमार की कोशिश यही थी की फ़िरोज़ अपने लाइन्स भूल जाए और गलतिया करें। इसके बाद भी राजकुमार अक्सर फ़िरोज़ को एक्टिंग के टिप्स देने की कोशिश करते रहे। एक दिन थक-हार कर फ़िरोज़ खान ने उनको बोल ही दिया की बेहतर होगा अगर वो अपने काम पर ज्यादा ध्यान दे।