सोनम कपूर के इस अंदाज़ को कम ही लोगों ने नोटिस किया है


सोनम कपूर की इमेज बनाने में उनके फिल्मों से ज्यादा योगदान उनके कपड़ो का है। कांन्स फिल्म फेस्टिवल में जब भी उन्होंने रेड कारपेट पर अपने कदम रखे है, भारतीय मीडिया इस बात को लेकर बेहद उत्सुक रही है की उनके कपड़े किसने डिज़ाइन किये है और वो कौन सा परिधान पहन रही हैं। लेकिन फिल्मों और आम जिंदगी में भले ही उनकी पहचान विदेशी कपड़ो से हो लेकिन सोनम को दाद देनी पड़ेगी की अपनी फिल्मों में भारतीय परिधानों को भी उन्होंने उतना ही महत्व दिया है।



भाग मिल्खा भाग (निर्देशक – राकेश ओमप्रकाश मेहरा) (2013)

भाग मिल्खा भाग में सोनम कपूर बीरो की भूमिका में दिखी थी। एक पंजाबी के किरदार में जो मिल्खा सिंह की प्रेयसी भी है, में उन्होंने जान डाल दी थी।

रांझना (निर्देशक – आनंद एल राय) (2013)

ज़ोया हैदर का किरदार निभाकर अपने फ़िल्मी करियर में पहली बार सोनम कपूर ने इस बात का परिचय दिया था की अगर सही निर्देशक मिल जाए तो वो अभिनय की ऊंचाइयो को छू सकती है। बनारस से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सफर में अधिकतर समय सोनम दुपट्टे में ही नज़र आयी थी।

दिल्ली 6 (निर्देशक – राकेश ओमप्रकाश मेहरा) (2009)

दिल्ली 6 भले ही बॉक्स ऑफिस पर ना चली हो लेकिन चांदनी चौक के एक आम परिवार से ताल्लुक रखने वाली बिट्टू शर्मा के किरदार को लोगो ने खासा पसंद किया था।

एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा (शैली चोपड़ा धर) (2019)

फिल्म का पूरा परिवेश पंजाब का था और स्वीटी चौधरी की किरदार में सोनम कपूर पूरी तरह से रमी नज़र आयी थी। इस किरदार में ग्लैमर पूरी तरह से नदारद था।

पैडमैन (निर्देशक – आर बाल्की) (2018)

यु तो पैडमैन में सोनम कपूर के किरदार को दिल्ली के आईआईटी में रहते हुए दिखाया गया है लेकिन उनकी सादगी उनके दुपट्टे में पूरी तरह से फिल्म में झलकी।

मौसम (निर्देशक – पंकज कपूर) (2011)

मौसम में भी सोनम कपूर के किरदार को पंजाब के एक गाँव से स्कॉटलैंड तक का सफर करना पड़ा था। पंजाब के गाँव के सीक्वेंस में सोनम कपूर बेहद जंची थी लेकिन पंकज कपूर निर्देशित इस फिल्म में वही बात बाकी फिल्म में नज़र नहीं आयी।