अमेरिका में 18000 भारतीयों पर गिरेगी गाज, ट्रंप सरकार निकालने का बना रहा प्लान

ICE ने सुझाव दिया कि भारत को साक्षात्कार आयोजित करने, यात्रा दस्तावेज समय पर जारी करने और अपने नागरिकों को चार्टर या वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से स्वीकार करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

अमेरिका में अगले महीने डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे और उनके प्रशासन ने सख्त आव्रजन नीतियों को लागू करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अमेरिका से निर्वासन का सामना कर रहे 1।45 मिलियन व्यक्तियों में लगभग 18,000 अवैध भारतीय शामिल हैं।

ICE की रिपोर्ट के अनुसार भारत एशिया में अवैध प्रवासियों के मामले में 13वें स्थान पर है। इसके साथ ही भारत उन 15 देशों में भी शामिल है जिन्हें निर्वासन प्रक्रिया में “असहयोगी” माना गया है। ICE ने सुझाव दिया कि भारत को साक्षात्कार आयोजित करने, यात्रा दस्तावेज समय पर जारी करने और अपने नागरिकों को चार्टर या वाणिज्यिक उड़ानों के माध्यम से स्वीकार करने के लिए कदम उठाने चाहिए।

रिपोर्ट में ये भी उल्लेख किया गया है कि 17,940 भारतीय ICE की गैर-हिरासत सूची में हैं। इनमें वे लोग शामिल हैं जिन्हें निर्वासन के अंतिम आदेश दिए गए हैं, लेकिन वे अभी भी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। अनुमान है कि कुछ मामलों में ये प्रक्रिया तीन साल तक लंबी हो सकती है।

पिछले तीन सालों में औसतन 90,000 भारतीय नागरिक अमेरिका की सीमा पर अवैध प्रवेश की कोशिश करते हुए पकड़े गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर प्रवासी पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से आते हैं। हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अधिकांश अवैध प्रवासी अमेरिका की सीमाओं के करीब के देशों से आते हैं। होंडुरास और ग्वाटेमाला इस सूची में सबसे ऊपर हैं। यह रिपोर्ट ट्रंप प्रशासन की आव्रजन नीतियों की कठोरता को दर्शाती है और यह संकेत देती है कि भविष्य में आव्रजन से संबंधित नीतियों में और सख्ती की जा सकती है।

First Published on: December 14, 2024 2:35 PM
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